राजीव गांधी हत्याकांड मामले में मद्रास उच्च न्यायालय ने दोषी एस नलिनी श्रीहरन की याचिका आज को खारिज कर दी। राजीव गांधी की हत्या के जुर्म में नलिनी श्रीहरन आजीवन कारावास की सजा काट रही है। आरोपी नलिनी ने समय से पूर्व रिहाई के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी।

नलिनी ने प्री- मेच्योर रिहाई के लिए की थी अपील:

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी की समय से पूर्व रिहाई (प्री-मेच्योर रिलीज) की याचिका मद्रास हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि, यहा मामला पहले ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इस मामले में तमिलनाडु सरकार नलिनी की रिहाई के पक्ष में थी, लेकिन केंद्र सरकार को स्टे मिल गया.

केंद्र सरकार का तर्क था कि राजीव गांधी की हत्या का मुकदमा केंद्रीय एजेंसी ने लड़ा है. ऐसे में राज्य सरकार उसे नहीं छोड़ सकती है.

उम्र कैद की सज़ा पर है नलिनी:

बता दे कि1991 में चेन्नई के नजदीक श्रीपेरुंबदूर में चुनावी रैली के दौरान तमिल टाइगर (लिट्टे) की आत्मघाती महिला ने खुद को विस्फोट से उड़ा लिया था। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और अन्य लोगों की मौत हो गई थी। राजीव गांधी की हत्या के मामले में शामिल एजी पेरारिवलन की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। 27 साल से जेल में बंद पेरारिवलन ने कोर्ट से अपना आदेश वापस लेने और सजा रद करने की मांग की थी। जस्टिस रंजन गोगोई, आर भानुमति और एम शांतनगौदर की खंडपीठ ने कहा कि उसे 1998 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले में दखल देने का कोई कारण नहीं नजर आ रहा है। उस फैसले में अदालत ने पेरारिवलन की सजा को बरकरार रखा था।

गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब नलिनी मे समय पूर्व रिहाई की मांग की है. इससे पहले भी प्री-मेच्योर रिलीज की याचिका डाली गई थी. जिसे कोर्ट द्वारा खारिज किया जा चुका है.

बता दें कि इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने राजीव गांधी हत्याकांड के अन्य अभियुक्त रविचंद्रन को दो हफ्ते की पैरोल देने का आदेश दिया था। रविचंद्रन ने मां से मिलने और संपत्ति संबंधी मामले के निपटारे के लिए पैरोल की अर्जी दी थी। जिसे हाईकोर्ट ने मंजूरी दे दी थी। रविचंद्रन राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा है। इस मामले के अन्य छह अभियुक्त 1991 से जेल में बंद हैं।

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