प्रधानमंत्री नरेन्द्र सिंह मोदी का मेक इन इंडिया अभियान तेजी से प्रगति कर रहा है। इसके तहत SIBAT और FICCI ने मिलकर 21 से 25 फरवरी तक इजराइल में एक संगोष्टी का आयोजन किया। हाल ही के वर्षों में SIBAT और FICCI की ये चौथी संयुक्त संगोष्ठी थी। यह संगोष्ठी मुख्य रूप से मेक इन इंडिया अभियान के तहत दोनों देशों के बीच रक्षा प्रतिष्ठानों और उद्योगों की साझेदारी के सम्बन्ध में हुयी। इस संगोष्ठी में 25 से ज्यादा भारतीय और लगभग 100 इजराइली रक्षा कम्पनियां इकठ्ठा हुयीं जिसमे मुख्य रूप से दोनों देशों के बीच सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान दिया गया। इसमें भारत और इजराइल के बीच संयुक्त उद्यमों की विशाल क्षमता पर प्रकाश डाला गया जिसके लिए संगोठी में लगभग 500 से अधिक बैठके हुयीं।दोनों देशो के बीच एक और संगोष्ठी चेन्नई में इस साल होने की उम्मीद है, जिसमे आर्मी वाहनों को प्राथमिकता दी जायेगी।
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राजदूत डैनियल कारमन ने कहा कि मुझे कोई संदेह नहीं है कि भारत और इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा रुझान के अद्वितीय सहयोग ने कई वर्षो से दोनों देशों को लाभान्वित किया है।उन्होंने कहा कि हमारी सरकार और इजराइली कंपनियां पहले से ही भारत में परियोजनाओं को लागू कर रहे हैं, और प्रासंगिक सहयोगियों के साथ भारत के मेक इन इंडिया पहल को और अधिक व्यावहारिक और टिकाऊ साझेदारी बनाने के लिये तैयार हैं।

SIBAT के निदेशक Brig. Gen. (Ret.) मिशेल बेन बरूच ने कहा कि हाल ही के वर्षों में हमने भारतीय और इजरायली रक्षा कंपनियों के बीच बढ़ते सहयोग को देखा है। यह सहयोग दोनों देशों के सम्बन्धो में गर्मजोशी को दर्शाता है। ये सम्बन्ध साझा मूल्यों, विश्वास और खुलेपन पर आधारित हैं।इजराइल, भारत के बेहद भरोसेमंद रक्षा सहयोगियों की श्रेणी में जुड़ने की पूरी तैयारी कर चुका है। बढ़ते आतंकवाद के खिलाफ इजराइल की प्रतिबद्धता से भारत और इजराइल के सम्बन्ध और भी मजबूत हुये हैं। दोनों ही देश आपसी सहयोग को कामयाब बनाने की पुरजोर कोशिश में लगे हुये हैं। भारत अब तक इजराइल के लगभग 8 सैन्य उपग्रहों को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के माध्यम से प्रक्षेपित कर चुका है।

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