PM मोदी की आध्यात्मिक यात्रा पर मनजीत नेगी ( Manjeet Negi  )ने लिखी ‘साधु से सेवक’ पुस्तक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उत्तराखंड से जुड़ाव और शुरुआती सफर को याद करते हुए कई आध्यात्मिक स्थलों का जिक्र किया. साथ ही पिथौरागढ़ जिले के नारायण आश्रम, रामकृष्ण कुटीर अल्मोड़ा, केदारनाथ स्थित गरूड़चट्टी और दयानंद आश्रम ऋषिकेश से जुड़ी कई बातें साझा कीं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुरुआती जीवन की आध्यात्मिक यात्रा पर आजतक के संवाददाता मनजीत नेगी ने एक पुस्तक लिखी है. ‘साधु से सेवक’ नाम की इस पुस्तक की पहली प्रति मनजीत नेगी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट की. पुस्तक में विशेष रूप से उत्तराखंड में विभिन्न स्थलों में बिताए गए दिनों और घटनाओं को प्रस्तुत किया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेखक से भेंट के दौरान अपने उत्तराखंड से जुड़ाव और शुरुआती सफर को याद करते हुए कई आध्यात्मिक स्थलों का जिक्र किया. साथ ही पिथौरागढ़ जिले के नारायण आश्रम, रामकृष्ण कुटीर अल्मोड़ा, केदारनाथ स्थित गरुड़चट्टी और दयानंद आश्रम ऋषिकेश से जुड़ी कई बातें साझा कीं. उन्होंने अपने आध्यात्मिक गुरु दयानंद सरस्वती को खासतौर पर याद किया. साथ ही पिथौरागढ़ की नारायण गुफा को लेकर भी जानकारी ली. उन्होंने बताया कि इसमें एक खास तरह की गुफा है, जिसमें साधना के लिए रस्सी के सहारे नीचे उतरना पड़ता है. गुफा से बाहर आने के लिए घंटी बजानी होती है. उन्होंने यह भी बताया कि जब वह गरुड़चट्टी में रहते थे, तो कैसे नियमित जल चढ़ाने केदारनाथ मंदिर जाते थे.

उन्होंने पुस्तक भेंट किए जाने के बाद उस पर ‘जय केदार’ भी लिखा. इस पुस्तक की प्रस्तावना केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लिखी है. इसमें वह लिखते हैं कि ‘साधु से सेवक’ पुस्तक हमें एक ऐसे अद्वितीय प्रतिभाशाली बालक की जीवंत कथा बताती है, जो आदर्श और परिश्रमी माता-पिता के सद्संस्कारों और समाज व राष्ट्र के लिए समर्पण का संकल्प लेने वाले वैचारिक अधिष्ठान की सीख के साथ राष्ट्र का समर्पित सेवक सिद्ध हुआ है. अभावों, संकटों और संघर्षों से निकला यह परिष्कृत व्यक्तित्व आज हम सबको दिशा दे रहा है और देश के मान-सम्मान को शीर्ष पर पहुंचा रहा है. विश्व के कोने-कोने और भारत के जन-जन के मन में मौजूद देश के प्रधानमंत्री की साधु से सेवक की यह यात्रा गौरवपूर्ण है और प्रत्येक भारतीय को विस्मित करने वाली है.’

पीएम मोदी ने भेंट की गई किताब पर हस्ताक्षर भी किए.
Manjeet Negi के मुताबिक, उन्हें यह पुस्तक लिखने की प्रेरणा वर्ष 2012 में गुजरात विधानसभा चुनाव कवर करने के दौरान वडनगर में नरेंद्र मोदी के शुरुआती जीवन पर डॉक्यूमेंट्री बनाते वक्त मिली. इसके बाद उन्होंने उनकी आध्यात्मिक यात्रा के सभी पड़ावों का सफर किया. वहां से मिले अनुभव और नरेंद्र मोदी के करीब रहे महानुभावों से साक्षात्कार के आधार पर यह पुस्तक तैयार हुई है.

इस पुस्तक को लिखने में हिंदू धर्म आचार्य सभा के महासचिव स्वामी परमात्मानंद सरस्वती का विशेष योगदान रहा है. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आध्यात्मिक गुरु ब्रह्मलीन दयानंद सरस्वती के शिष्य हैं और उन्होंने पीएम मोदी की आध्यात्मिक यात्रा को करीब से देखा है. इस पुस्तक को प्रभात प्रकाशन ने छापा है. इससे पहले मनजीत नेगी केदारनाथ आपदा पर आधारित पुस्तक ‘केदारनाथ से साक्षात्कार’ और उत्तराखंड की विभिन्न शख्सियतों पर ‘हिल वॉरियर्स’ लिख चुके हैं.

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