रविवार 26 नवम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के लोगों से एक बार फिर अपने मन की बात की, इस दौरान मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के संविधान निर्माण समेत कई मुद्दों पर अपने विचार रखे।

मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन के मुख्य अंश:

आज संविधान दिवस:

  • कौन हिन्दुस्तानी होगा जिसको फौज़ी पर गर्व न हो?
  • आज हमारा संविधान दिवस है, 1949 में आज ही के दिन,
  • संविधान-सभा ने भारत के संविधान को स्वीकार किया था,
  • आज का संविधान सभा के सदस्यों को याद करने का दिन है
  • हमारा संविधान हर नागरिक, चाहे वह ग़रीब हो या दलित,
  • पिछड़ा हो या वंचित, आदिवासी, महिला सभी के मूलभूत अधिकारों की रक्षा करता है,
  • किसी को किसी तरह का नुकसान ना पहुंचे यही तो संविधान का संदेश है
  • डॉ.बाबा साहेब आंबेडकर की याद आना बहुत स्वाभाविक है,
  • देश को समृद्ध और शक्तिशाली बनाने में बाबासाहेब का योगदान अविस्मरणीय है,
  • हमारा संविधान, बाबा साहेब आंबेडकर के कुशल नेतृत्व की अमिट छाप है

सरदार पटेल ने देश को एक सूत्र में बाँधने का काम किया:

  • 15 दिसम्बर को सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि है,
  • किसान-पुत्र से लौह-पुरुष बने सरदार पटेल ने देश को एक सूत्र में बांधने का असाधारण काम किया
  • देश कैसे भूल सकता है कि नौ साल पहले 26/11 को आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला बोला था,
  • हमले में जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों, सुरक्षाकर्मी की बहादुरी को देश नमन करता है,
  • आतंकवाद ने विश्व की मानवता को ललकारा है,
  • आतंकवाद ने मानवतावाद को चुनौती दी है,
  • भगवान बुद्ध, महावीर, गुरु नानक, महात्मा गांधी, यही धरती है जिसने अहिंसा और प्रेम का संदेश दुनिया को दिया है
  • चार दिसंबर को हम सब नौ-सेना दिवस मनाएंगें, मैं, नौ-सेना से जुड़े सभी लोगों का अभिनंदन करता हूं
  • पांच दिसंबर को World Soil Day है,
  • इस देश के किसान के जीवन में, दोनों ही बातों का महत्व रहा है,
  • अपनी मिट्टी के प्रति भक्ति और साथ-साथ वैज्ञानिक-रूप से मिट्टी को सहेजना और संवारना
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