दलित समाज द्वारा किए गए आन्दोलन के दौरान फैली हिंसा में बाद पुलिस ने मेयर सुनीता वर्मा का गनर की सुविधा को वापस ले किया है। प्रोटोकॉल की अनदेखी कर गनर वापस लिए जाने के बाद बसपा मेयर सुनिता ने वर्मा ने अपने जान का खतरा बताया है। बता दें कि उनके ऊपर यह कार्रवाई उनके पति योगेश वर्मा का नाम हिंसा में आने के बाद की गई है।

पति से मिलने जेल पहुंची थीं बसपा मेयर

दलितों के आंदोलन के बाद भड़की हिंसा के मुख्य आरोपी पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नी मेरठ मेयर सुनीता वर्मा 3 अप्रैल को अपने पति से मिलने चौधरी चरण सिंह जिला कारागार पहुंची थी। पति से मिलने के बाद सुनीता वर्मा ने मीडिया से मुखातिब होते हुए मेरठ के एसएसपी मंजिल सैनी व भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। सुनीता वर्मा ने कहा कि यह पूरी हिंसा बीजेपी की साजिश थी। मेरे पति पूर्व विधायक लोगों को समझा रहे थे लेकिन जिला प्रशासन ने धोखे से बुलाकर मेरे पति को गिरफ्तार किया और उन पर पूरी हिंसा सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया साथ ही उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी का हमें पूरा समर्थन है और हम इस लड़ाई को आगे तक लड़ेंगे।

हिंसा में पुलिस ने पूर्व विधायक किया था गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिला में एससी एसटी एक्ट के बदलाव को लेकर भड़की हिंसा के बाद पुलिस ने बसपा के पूर्व विधायक योगेश वर्मा को समर्थकों के साथ गिरफ्तार किया था। एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि कंकरखेड़ा पुलिस ने योगेश को गिरफ्तार किया है। डीएम और एसएसपी ने गिरफ्तारी की पुष्टि है। एसएसपी ने बताया कि योगेश को बवाल कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि एससी एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दलित समुदाय विरोध में उतर आया था। जिसके बाद पूरे देश में हिंसा फैल गई। थी। इस दौरान 1 दर्जन लोग मारे गए। वहीं सैकड़ों लोग घायल हो गए थे।

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