मिड डे मील के तहत मिलने वाले खाने की खराब गुणवत्ता को देश के अलग-अलग हिस्से से कई बार खबरें आईं हैं। इसी क्रम में पिछले महीने मेरठ के प्राइमरी विद्यालयों में एनजीओ द्वारा परोसे जा रहे मिड डे मील के खाने में गड़बड़ी मिली थी। जिसके बाद प्रशासन ने विद्यालय में खाना बनाने के आदेश दिए थे। 20 दिन बीतने के बाद भी फ़तेह उल्लापुर नगर क्षेत्र के बच्चों को नहीं मिल रहा है मिल रहा है मिड डे मील।

नहीं मिल रहा है मिड डे मील:

  • मेरठ में मिलने वाली मिड डे मील एक बार फिर सुर्खियों में है।
  • एनजीओ के खाने में मिली खराब गुणवत्ता के बाद प्रशासन ने स्कूल में खाना बनाने के आदेश दिए थे।
  • एक महीने बीतने जा रहा है लेकिन 28 जनवरी से आज तक बच्चो को खाना नसीब नही हुआ है।
  • फ़तेह उल्लापुर नगर के एक माध्यमिक विद्यालय के छात्र शारिक ने बताया कि पहले मिड डे मील मिल रहा था।
  • छात्र ने बताया कि खराब खाना मिलने के कारण कुछ दिन पहले मिलना बंद हो गया।
  • शारिक ने कहा फिर से अच्छा खाना कब मिलेगा यह नहीं पता।
  • बच्चों को खाना कब मिलेगा इसको लेकर अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं।
  • ऐसे में बच्चे उस दिन का बाट जोह रहे हैं जब उन्हें फिर से मिड डे मील के तहत खाना मिलना शुरु होगा।

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क्या है पूरा मामला:

  • मेरठ के सभी प्राइमरी विद्यालयों में मिड डे मील की व्यवस्था है।
  • इस योजना के तहत यहां मिड डे मील की कमान एनजीओ के हाथ में सौंपी गई थी।
  • एनजीओ द्वारा विद्यालय में जो खाना परोसा रहा था उसमें कई प्रकार के शिकायत मिल रहे थे।
  • जिस कारण स्थानीय प्रशासन ने एनजीओ के खाने के सैंपल जांच के लिए भेज दिए थे।
  • खाने की गुणवत्ता सही नहीं मिलने के कारण ये काम एनजीओ से ले लिया गया।
  • जिसके बाद प्रशासन ने स्कूल के बैंक खाते में पैसे भेजकर वहीं खाना बनाने के आदेश दिए।
  • मेरठ में खाने की गुणवत्ता को लेकर यह योजना कई बार सुर्खियों में भी रही।

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