बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने मिशन यूपी की शुरूआत आज यहां वाराणसी के पिंडरी स्थित नेशनल इंटर कालेज में रैली के साथ की। बिहार में महागठबंधन के सफल प्रयास से गदगद नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भी बड़ा दांव खेलने की तैयारी कर रहें हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश की स्थितियां कुछ अलग हैं। यूपी में नीतीश कुमार के मित्र और बिहार के किंग मेकर लालू यादव के समधि मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी सत्तासीन हैं।

बिहार विधानसभा चुनावों से ठीक पहलें सपा को महागठबंधन से अलग करके सपा सुप्रीमों ने जेडीयू से नाता तोड़ लिया था, और सपा उत्तर प्रदेश में भी नीतीश कुमार को तवज्जो नहीं देना चाहती हैं। ऐसे में नीतीश कुमार की नजर कांग्रेस समेत अन्य छोटे-छोटे दलों को साथ लेकर चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाने की रहेंगी।

वाराणसी में जेडियू कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए नीतीश कुमार जिस तरह से केन्द्र की भाजपा सरकार पर हमलावार नजर आये उससे साफ है कि नीतीश यूपी के बजाय केन्द्र में अधिक संभावनाएं देख रहें हैं।

नीतीश की सभा के मुख्य बिन्दुः

  • नीतीश ने वाराणसी की अपनी रैली में केन्द्र की भाजपा सरकार पर हमलावार रहें।
  • नीतीश ने भाजपा को अहंकारी पार्टी बताते हुए कहा केि भाजपा नेताओं में बहुत अहंकार है।
  • नीतीश ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी कथनी और करनी मेें अंतर है।
  • यूपी के लोग बीजेपी को पहचान लेें। चुनाव से पहले 15-20 लाख रूपये देने की बात चुनाव के बाद जुमला बन गई।
  • नीतीश ने कहा कि काला धन अभी तक भारत में नहीं लौटा, जनता अपने 15 लाख रूपये का इंतजार कर रही है।
  • नीतीश ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी ने गठबंधन का मजाक उड़ाया। हम पर तरह तरह के आक्षेप लगाए।
  • उन्होने बिहार में शराब बंदी का जिक्र करते हुए बताया कि शराब बंदी से महिलाएं खुश हैं, शराब न पीने वाले खुश हैं और तो और पीने वाले भी खुश हैं।
  • बिहार में महिलाएं परेशान थी, कहती थी कि शराब से तबाही हो रही है, हमने उनका ध्यान रखा। अब वे खुश हैँ।
  • नीतीश ने कहा कि हम यूपी के लोगों के बुलाने पर यहां आये हैं, और 15 मई को लखनऊ में भी जाएंगे।
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