मोबाइल कंपनियां ट्राई (भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण) के सख्त नियमों (trai rules) को ठेंगा दिखाते हुए अपना व्‍यापार कर रही हैं। ग्राहकों को परेशान करने के लिए मोबइल कंपनियों ने नया तरीका खोजा है। अब पर्सनल मोबाइल नंबर से ग्राहकों को फोन कर तमाम तरह के इंश्यारेंस, क्रेडिट कार्ड की जानकारी और बैंक डिटेल लेने का काम शुरू हो गया है। मोबाइल ग्राहकों में इस बात को लेकर काफी गुस्‍सा है। कई बार तो फोन पर ही गाली-गलौच तक हो जाती है। जबकि ट्राई का नियम है कि ऐसे मैसेज और कॉल पर्सनल नंबर से नहीं किए जाएंगे।

फर्जी कॉल कर ग्राहकों को लगाते हैं लाखों का चूना!

  • ट्राई के नियमों को दरकिनार कर मोबाइल कंपनियां ग्राहकों को ठगने का काम कर रही हैं।
  • पर्सनल नंबर से फोन करने के कारण ग्राहक भी जरूरी कॉल समझकर रिसीव कर लेता है।
  • फोन पर ग्राहकों से डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और आधार कार्ड जैसी तमाम जानकारियां पूछी जाती हैं।
  • यदि कोई ग्राहक गलती से अपनी डिटेल दे देता है तो कुछ ही देर बाद उसके बैंक अकाउंट से लाखों रुपए निकाल लिए जाते हैं।
  • ऐसे फर्जी फोन कॉल्‍स के लिए ट्राई ने सख्त नियम बनाए हैं, लेकिन कोई उसका पालन नहीं करता है।

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फोन पर भेजे जाते हैं अश्लील मैसेज

  • मोबाइल कंपनियां अब अपना प्रचार करने के लिए पर्सनल नंबर से ग्राहकों को अश्लील मैसेज भेजते हैं।
  • कई बार इन मैसजों में 10, 20 या फिर 30 रुपए का शुल्‍क लगा दिया जाता है।
  • ये अश्लील मैसेज दिन भर में 10 या 20 बार मोबाइल पर भेजे जाते हैं।
  • अनसब्‍सक्राइब करने के बाद भी मैसेज आते रहते हैं।
  • कस्‍टमर केयर को कॉल करने पर भी मैसेज का आना नहीं रुकता है।
  • कई बार ऐसे मैसजों की वजह से लोगों को घरों में बिना वजह बदनाम होना पड़ता है।

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ये है अनचाहे मैसेज को ब्‍लॉक करने का तरीका!

 आरबीआई ने जारी किया था डाटा
  • 2015-16 में बैंकों ने एटीएम, क्रेडिट और डेबिट कार्ड्स से संबंधित फ्रॉड के 11,997 मामले दर्ज कराए।
  • ये उन 49,455 मामलों से अलग हैं, जो फिशिंग, स्कैनिंग, हैकिंग आदि से जुड़े हैं।
  • यही नहीं, ऐसे मामलों की संख्या कई गुना ज्यादा है, जिन्हें रिपोर्ट ही नहीं किया जाता।
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