सीसीपीए ने संसद के मॉनसून सत्र का ऐलान कर दिया है। बुधवार को सीसीपीए की बैठक में मानसून सत्र को 18 जुलाई से 12 अगस्त तक आयोजित करने की सिफारिश की, जिसपर आम सहमति बन गई है। सरकार को इस मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण बिल पास होने की उम्मीद है। सरकार चाहेगी कि इस सत्र में पिछले काफी लम्बे समय से अटका टैक्स सुधारों वाला जीएसटी बिल पास कराया जा सके।

इस दौरान केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकया नायडू ने कहा कि जीएसटी देश के व्यापक हित में है। उन्होने कहा कि जीएसटी के लिए हमारे पास व्यापक समर्थन और संख्या बल है, लेकिन केन्द्र इस बिल पर सभी दलों की सहमति चाहता है, क्योंकि इसका सीधा सम्बंध राज्यों से होगा।

उन्होंने कहा कि सरकार इस विधेयक को आम सहमति से सदन में पास कराना चाहती है और इस दिशा में काम कर रही है। हालांकि नायडू ने कहा कि यदि आम सहमति नहीं बनी तो भी ‘हमें इसे मानसून सत्र में ही पारित कराना है।’

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार कांग्रेस को राजी करने का प्रयास करेगी जो कुछ शर्तों को लेकर इस विधेयक का विरोध करती रही है, नायडू ने कहा कि वित्त मंत्री अरण जेटली कांग्रेस सहित सभी दलों के साथ चर्चा करने के लिए तैयार हैं।

वहीं, बैठक की अध्यक्षता कर रहे राजनाथ सिंह ने लोकपाल और लोकायुक्त संशोधन विधेयक को सदन से पारित होने की आवश्यकता बतायी।

नायडू ने बताया कि जीएसटी के अलावा, सरकार शत्रु संपत्ति कानून में संशोधन के विधेयक को पारित कराने पर जोर देगी।

नायडू ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में सदन में 56 विधेयक लंबित हैं जिसमें से 11 लोकसभा में और 45 विधेयक राज्यसभा में लंबित हैं।

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