Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
India

मदर्स डे स्पेशल: मां-बाप की देखभाल न करने पर मोदी सरकार भेजेगी जेल

केंद्र सरकार कानून में कुछ ऐसे बदलाव लाने की तैयारी में है, जिसके बाद कोई भी बेटा बुजुर्ग मां-बाप को अकेला छोड़ने से पहले हिचकेंगे. बूढ़े माता-पिता को बेसहारा छोड़ने या तंग करने वालों को अभी तीन महीने तक की जेल की सज़ा का प्रावधान है। पर कुछ बदलावों के साथ इस मामले में 6 महीने तक जेल काटनी पड़ सकती है। 

कानून में हो रहा संसोधन:

पूरी दुनिया में आज मदर्स डे मनाया जा रहा है. सोशल मीडिया पर लोग मां के प्रति अपनी भावनाएं और तस्वीरें शेयर कर रहे हैं. हालांकि बदलते दौर में मां-पिता की उपेक्षा की घटनाएं भी काफी बढ़ गई हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली मौजूदा केंद्र सरकार कानून में कुछ ऐसे बदलाव लाने की तैयारी में है, जिसके बाद कोई भी बेटा बुजुर्ग मां-बाप को अकेला छोड़ने से पहले हिचकेंगे. कानून में बदलाव कर प्रावधान किया जा रहा है कि अगर माता-पिता को छोड़ा या उनसे र्दुव्‍यवहार किया तो अब छह महीने की जेल हो सकती है.

अभी मिलती है 3 महीने की सज़ा:

माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण व कल्याण अधिनियम 2007 के तहत आरोपी बेटों को तीन महीने की सजा का प्रावधान है, जिसे बढ़ाकर छह महीने करने की तैयारी है. एक वरिष्ठ अफसर ने बताया, ‘सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रलय ने संशोधन विधेयक का मसौदा भी तैयार कर लिया है. माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण बिल 2018 के मसौदे के तहत बच्चों की परिभाषा का दायरा भी बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है.

मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि बच्चों की परिभाषा में दत्तक या सौतेले बच्चों, दामाद और बहुओं, पोते – पोतियों, नाती-नातिनों और ऐसे नाबालिगों को भी शामिल करने की सिफारिश की गयी है जिनका प्रतिनिधित्व कानूनी अभिभावक करते हैं. मौजूदा कानून में सिर्फ सगे बच्चे और पोते – पोतियां शामिल हैं.

माँ-बाप ले कानून का सहारा:

मंत्रालय ने माता – पिता और वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल और कल्याण कानून, 2018 का मसौदा तैयार किया है. कानूनी रूप मिलने के बाद यह 2007 के पुराने कानून की जगह लेगा.

कानून में मासिक देख – भाल भत्ता की 10,000 रुपये की अधिकतम सीमा को भी समाप्त कर दिया गया है. यदि बच्चे माता-पिता की देखभाल करने से इनकार कर देते हैं तो वह कानून का सहारा ले सकते हैं.

Karnataka exit poll: बीजेपी सबसे बड़ा दल, बहुमत किसी को नहीं

Related posts

चेयरमैनशिप से हटाये जाने के बाद अब टाटा को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे साइरस मिस्त्री!

Vasundhra
8 years ago

साइबर क्राइम का गढ़ है झारखंड का यह जिला !

Mohammad Zahid
8 years ago

तूतीकोरिन हिंसा: CM की इस्तीफे की मांग के साथ विपक्षी करेंगे प्रदर्शन

Shivani Awasthi
6 years ago
Exit mobile version