देश की सरहदों की सुरक्षा के लिए भारतीय सैनिक सीमा पर हर परिस्थिति में तैनात रहते हैं, इसके साथ ही भारतीय सेना के डॉग स्क्वाड के कुत्ते भी जवानों के साथ हर वक़्त तैनात रहते हैं, इसी क्रम में भारतीय सेना सरहदों की सुरक्षा के लिए देसी नस्ल के कुत्तों की तैनाती(mudhol recruitment) की योजना बनायी जा रही है।

पहली बार सेना में शामिल होंगे देसी कुत्ते(mudhol recruitment):

  • दुश्मनों-आतंकियों से सरहदों की सुरक्षा के लिए सेना पहली बार देसी नस्ल के कुत्तों को इस्तेमाल करेगी।
  • गौरतलब है कि, अभी सेना जर्मन शेफर्ड, लेब्राडोर्स और ग्रेट स्विस माउंटेन डॉग्स का इस्तेमाल करती है।
  • मेरठ में सेना की रीमाउंट वेटरनेरी कोर सेंटर में देसी नस्ल के 6 मुधोल शिकारी कुत्तों को ट्रेनिंग दे रहा है।
  • जिनकी ट्रेनिंग लगभग पूरी हो चुकी है।
  • ऐसा बताया जा रहा है कि, इस साल के अंत तक इन कुत्तों को सेना में शामिल कर लिया जायेगा।
  • इन शिकारी कुत्तों की पहली पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में की जा सकती है।
  • सभी शिकारी कुत्तों को पिछले साल कर्नाटक के RVC सेंटर में भेजा गया था।

मुधोल हाउंड भारत की सबसे ताकतवर शिकारी नस्ल(mudhol recruitment):

  • भारतीय सेना में शामिल होने के लिए 6 मुधोल हाउंड को ट्रेनिंग दी जा रही है।
  • मुधोल हाउंड भारत की सबसे पुरानी, ताकतवर और मजबूत वंशावली की नस्ल मानी जाती है।
  • ये अपनी गति और फुर्ती के साथ-साथ अपने आकर की वजह से बेहतरीन गार्ड डॉग साबित होते हैं।

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