दिल्ली हाईकोर्ट ने मुस्लिम पर्सनल लॉ में  उत्तराधिकारी के अंतर्गत संशोधन करने के लिए सरकार से जवाब माँगा है. इस मामले में एक याचिका दाखिल की गयी है. याचिका में कहा गया है कि जब सम्पत्ति का बंटवारा होता है तो लड़कियों के साथ भेदभाव किया जाता है.इसी मसले पर कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है.

15 मई से पहले जवाब हो दाखिल

  • चीफ जस्टिस जी रोहिणी और जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल की पीठ द्वारा इस मामले की सुनवाई
  • चलित है. दोनों जजों ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं.
  • केस की अगली सुनवाई 15 मई है. सरकार को उससे पहले जवाब दाखिल करने को कहा गया है.
  • सामाजिक संगठन सहारा कल्याण समिति की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है.

भेदभाव का आरोप

  • वकील राघव अवस्थी और सोमेंदु मुखर्जी ने ये याचिका दाखिल की है.
  • दायर याचिका में मुस्लिम महिलाओं के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है.
  • अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत इस मामले में संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन माना गया है.
  • सम्पत्ति विभाजन के दौरान महिला और पुरुष के बीच किये गए भेदभाव को
  • मौलिक अधिकारों का उल्लंघन माना गया है.
  • इस मामले में सरकार क्या जवाब देती है ये बहुत अहम होगा.
  • सरकार द्वारा दिए गए जवाब पर 15 मई की सुनवाई आधारित होगी.
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