आंगनवाड़ी और आशा (सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) कार्यकर्ताओं की आज देशव्यापी हड़ताल।

योजना कार्यकर्ता महासंघ के संयुक्त मंच से मिलीं जानकारी के अनुसार मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कोविड ड्यूटी पर रहते हुए जोखिम भत्ता और बीमा कवर की अपनी मांग और नियुक्तियों को नियमित करने की मांग को लेकर शुक्रवार को देशव्यापी हड़ताल करेंगे।

वहीं कई राज्यों में आशा कार्यकर्ता कोरोनोवायरस महामारी शुरू होने के बाद से अपनी काम करने की स्थिति और कम वेतन का विरोध कर रही हैं। अपने सामान्य काम और कोविड ड्यूटी के अलावा, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी शहरी क्षेत्रों से बाहर रहने वाले लोगों के दरवाजे तक कोविड -19 टीके लाकर भारत के टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ा रही हैं। आशा कार्यकर्ताओं को संक्रमित रोगियों के करीबी संपर्कों को ट्रैक करने की जिम्मेदारी है। साथ ही उनको प्रतिदिन कुपोषित बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य संबंधी अपडेट भी रखने होते हैं।
आशा कार्यकर्ता किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों के लिए संपर्क का पहला साधन हैं। वे भारत के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) से जुड़े हुए हैं और उन्होंने सबसे वंचित और सबसे हाशिए पर रहने वाले लोगों के दरवाजे तक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं लाकर भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को विकेंद्रीकृत करने में मदद की है। आशा कार्यकर्ताओं ने संस्थागत प्रसव में सहायता करके माँ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने में मदद की है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बच्चों के लिए सरकार के पोषण कार्यक्रम को चलाने के लिए भी जिम्मेदार हैं। जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की यह सर्व-महिला सेना कोविड -19, कुपोषण और विभिन्न बीमारियों के खिलाफ भारत की लड़ाई में सबसे आगे रही है।

 

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