संसद का बजट सत्र लगभग हंगामे और शोरशराबे की बली चढ़ गया. कई विपक्षी पार्टियों के प्रदर्शन के बाद ससंद का पूरा सत्र बर्बाद हो गया. इन सब में जनता का करोड़ों रुपये भी स्वाहा हो गये. इसके चलते प्रधानमन्त्री मोदी और एनडीए के सभी सांसदों ने संसद सत्र के इन बीते 23 दिनों का वेतन और भत्ता लेने  से मना कर दिया है. 

काम नही तो वेतन नही, 23 दिन हुए बर्बाद:

बजट सत्र के दूसरे चरण को खत्म होने में महज एक दिन बचा है और ऐसे में पूरे 23 दिन सदन में कोई काम नहीं हो पाया. विपक्ष के हंगामे के चलते बार-बार लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होती रही. इसके बाद अब पीएम मोदी और एनडीए के सभी सांसदों ने फैसला लिया है कि वो इन 23 दिनों का वेतन नहीं लेंगे.

इस बात का ऐलान संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने बुधवार की शाम को कैबिनेट की बैठक के बाद किया. अनंत कुमार ने कहा कि सरकार विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सभी मुद्दों पर बहस के लिए तैयार थी, लेकिन कांग्रेस के अड़ियल रुख की वजह से संसद में कामकाज नहीं हो सका. भाजपा-एनडीए सांसदों ने 23 दिन का वेतन और भत्ते ना लेने का फैसला किया है क्योंकि इन दिनों में कोई काम नहीं हुआ. यह पैसा लोगों की सेवा के लिए दिया जाता है और हम अगर काम नहीं कर पा रहे तो हमें पैसा लेने का कोई हक नहीं है.

उन्होंने इस दौरान आरोप लगाया कि कांग्रेस गैरलोकतांत्रिक तरीके से काम कर रही है. उसने महत्वपूर्ण बिलों को पास होने से रोका है जिससे टैक्स देने वालों के पैसे का आपराधिक अपव्यय हुआ है.

बता दें कि संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुक्रवार को खत्म होने जा रहा है. इस बीच विपक्ष ने इसे दो दिन और बढ़ाने की मांग की है.

एक दिन में 11 बार स्थगित हुआ  सदन:

राज्यसभा में बुधवार को विपक्ष के अभूतपूर्व हंगामे के कारण बार-बार कार्यवाही स्थगित किए जाने का रिकॉर्ड बन गया. दिनभर में सदन की बैठक कुल 11 बार और दोपहर दो बजे से शाम 5.10 बजे तक तीन घंटे में 10 बार स्थगित करनी पड़ी. इस सत्र में सरकार ने भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) विधेयक-2013 को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए पारित कराने की कोशिश की, लेकिन विफल रहे.

5 मार्च से शुरू हुए बजट सत्र के दूसरे चरण के अब तक 23 दिन बर्बाद हो चुके हैं. लोकसभा में लगातार 20वें दिन भी हंगामे के कारण कामकाज नहीं हो सका. सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदस्यों से चर्चा में भाग लेने की अपील की.  उन्होंने कहा-“मैंने हर विषय पर चर्चा की अनुमति दी है. लेकिन कोई बिल पास नहीं हुआ है. सदन की हालत देखकर पूरा देश गुस्से में है.”

बता दें कि इससे पहले 7 मार्च को आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, एनडी गुप्ता और सुशील गुप्ता ने सभापति को एक खत लिखा था. इस खत में उन्होंने लिखा था कि सदन में आम जन की समस्याओ , छात्रो, किसानों व्यवसायियों के मुद्दों पर बात होनी चाहिय. उनको हमसे अपेक्षा होती है. बीते 3 दिनों से सदन में कोई काम नही हुआ है. ऐसे में बिना काम के जनता के पैसों से वेतन लेना अनुचित है. इसी के साथ उन्होंने पत्र में अनुरोध किया की जिस दिन सदन में काम ना हो उस दिन वेतन और सभी भत्ते ना दिए जाये.

आप सांसदो के बाद अब एनडीए ने भी सदन में बिना काम के वेतन और भत्ते को लेने को मना कार दिया है.

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