तमिलनाडु में छात्रा अनीता की मौत के बाद नीट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ता जा रहा है। नीट को हटाने की मांग को लेकर त्रिची के 14 छात्रों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का ऐलान किया है। दक्षिणी फिल्मों के सुपरस्टार अभिनेता रजनीकांत और कमल हासन ने गहरा दुख जताया है। बता दें कि  नेशनल एलिजबिलिटी कम एन्ट्रेन्स टेस्ट (NEET) के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में लड़ाई लड़ने वाली 19 वर्षीया अनीता ने मेडिकल कॉलेज में दाखिला न मिलने के कारण शुक्रवार को आत्महत्या कर ली थी।

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किया बंद का आह्वान :

  • अरियालुर जिले में कई राजनीतिक पार्टियों की तरफ से बंद का आह्वान किया गया है।
  •  हड़ताल के समर्थन में दुकानें और सरकारी प्रतिष्ठान बंद हैं।
  • छात्रा के मौत के एक दिन बाद बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उसके घर पहुंचे और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
  • सेन्थुराई के पास कुझुमूर में अनीता का पार्थिव शरीर आम लोगों के दर्शन के लिए रखा गया है।
  • अनीता के रिश्तेदार और दोस्तों के साथ कई राजनेता भी 17 साल की होनहार छात्रा को श्रद्धाजंलि देने पहुंचे हैं।
  • तमिल राष्ट्रवादी संगठन नाम तालीमार क्ट्ची, स्टूडेंट फेडरेरेशन ऑफ इंडिया जैसे संगठन नीट के खिलाफ नेच्चनई और त्रिची के सड़कों पर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

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मेडिकल में चयन नहीं होने से अनीता ने की आत्महत्या :

  • अनीता ने शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज में दाखिला न मिलने के कारण शुक्रवार को आत्महत्या कर ली।
  • पुलिस ने परिवार के हवाले से यह जानकारी दी।
  • अनीता तमिलनाडु स्टेट बोर्ड से बारहवीं की परीक्षा में 1200 में से 1,176 अंक लाई थी।
  • मगर नीट की परीक्षा में ज्यादा नंबर लाने में कामयाब नहीं हो पाई।
  • कम अंकों की वजह से उसका मेडिकल में चयन नहीं हुआ।
  • जिसके कारण अनीता ने आत्महत्या कर ली।
  • तमिलनाडु से करीब 300 किलोमीटर दूर अरीयालूर जिले के एक गांव से आने वाली अनीता एक दैनिक श्रमिक की बेटी थी।

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अनीता की मौत के लिए केंद्र व राज्य सरकार जिम्मेदार :

  • पूर्व केंद्रीय मंत्री और पीएमके नेता अंबुमणि रामदास ने इस त्रासदी के लिए केंद्रीय और राज्य सरकारों को दोषी ठहराया है।
  • अनीता के माता-पिता को उनकी संवेदना व्यक्त करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बड़ी बात कही।
  •  कहा, मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी की अध्यक्षता वाली राज्य सरकार और केंद्र सरकार को उनकी मृत्यु की जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए।
  • क्योंकि उन्होंने शुरू में आश्वासन दिया था कि तमिलनाडु को नीट से एक वर्ष की छूट मिलेगी।
  • कहा कि समझ नहीं आ रहा कि ग्रामीण छात्रों की तरफ से नीट के खिलाफ आवाज उठाने वाली अनीता ने आत्महत्या का रास्ता क्यों अपनाया।

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