देश को अंग्रेज़ी हूकूमत से आज़ाद कराने वाले सपूतों में से एक सुभाषचंद्र बोस की आज 120वीं वर्षगाँठ है. बोस का जीवन व उनके विचार देश के लिए हमेशा से ही मार्गदर्शक रहे हैं. साथ ही यह महसूस कराते  रहे हैं कि व्यक्ति को कभी भी गलत बात के साथ समझौता नहीं करना चाहिए. उनके इन्ही विचारों को नमन करने आज पीएम मोदी संसद पहुंचे जहाँ उन्होंने नेताजी की मूर्ति को नमन किया.

नेताजी का प्रेरणादायक जीवन :

  • नेता सुभाष का जन्म 23 जनवरी, 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था.
  • उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस व माता का नाम प्रभावती देवी था.
  • नेताजी के पिता बेटे को आईसीएस (भारतीय सिविल सेवा) का अफसर बनाना चाहते थे.
  • जिसकी तैयारी के लिए सुभाष को लंदन भी भेजा गया था.
  • सुभाष ने कटक के प्रोटेस्टेंट यूरोपियन स्कूल से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की.
  • 1916 में जब सुभाष प्रेसीडेंसी कॉलेज से दर्शनशास्त्र में बीए कर रहे थे,
  • तभी किसी बात पर छात्रों और अध्यापकों के बीच झगड़ा हो गया,
  • सुभाष ने छात्रों का साथ दिया, जिस कारण उन्हें कॉलेज से एक साल के लिए निकाल दिया गया था.
  • साथ ही परीक्षा देने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था.
  • सन 1920 में सुभाष ने आईसीएस की परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त किया,
  • परंतु अंग्रेजों की गुलामी करना उन्हें मंजूर नहीं था.
  • जिसके बाद उन्होंने आजाद हिंद फौज का गठन कर अंग्रेजों से लोहा लेने की ठान ली थी.
  • उन्होंने एक सेना का गठन किया था साथ ही तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा भी दिया था.
  • आपको बता दें कि उनका यह नारा भारतीय युवाओं में एक नया जोश भर गया था.
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