केंद्र सरकार के कंस्ट्रक्शन और एनवायरमेंट क्लेअरेंस से जुड़े 9 दिसंबर के नोटिफिकेशन पर फ़िलहाल एनजीटी ने रोक लगा दी है.

नोटिफिकेशन को दी गयी थी चुनौती :

  • इस नोटिफिकेशन से बाद डेढ़ लाख स्क्वॉयर मीटर से कम के प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण मंत्रालय से एनवायरमेंट क्लेअरेंस की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया था.
  • केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के पहले 20 हज़ार स्क्वॉयर मीटर के ऊपर के हर कंस्ट्रक्शन से जुड़े प्रोजेक्ट को पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी लेनी ज़रूरी थी,
  • जिसे सरकार ने 9 दिसंबर के नोटिफिकेशन के बाद ख़त्म कर दिया था.
  • केंद्र सरकार के इस नोटिफिकेशन को एनजीटी मे चुनौती दी गई,
  • जिस पर कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिए हैं कि इस मामले के निपटारे तक सरकार अभी इस नोटिफिकेशन पर कोई एक्शन आगे न लें,
  • न ही इससे जुड़े किसी प्रोजेक्ट पर आगे काम करें.
  • सरकार का नोटिफिकेशन कहता है कि आगे से वाटर और एयर एक्ट के तहत किसी भी बिल्डर को पर्यावरण मंत्रालय से एनवायरमेंट क्लेअरेंस लेने की ज़रूरत नहीं होगी.
  • बशर्ते उसका कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट डेढ़ लाख स्क्वॉयर मीटर से ज्यादा का न हो.
  • पहले 20 हज़ार स्क्वॉयर मीटर से ज्यादा की कंस्ट्रक्शन पर हर बिल्डर को वाटर हार्वेस्टिंग से लेकर,
  • सिवेज ट्रीटमेंट प्लांट तक मुहैया करना अनिवार्य था.
  • यह वो शर्ते थी जिनके पूरा न होने पर बिल्डर के खिलाफ़ कारवाई की जा सकती थी.

 

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