हाल ही में हुए उरी हमले में एक तरफ शहीदों को अंतिम विदाई दी जा रही है वहीं दूसरी तरफ इस हमले की जाँच की ज़िम्मेदारी अब NIA को सौंप दी गयी है। शुरूआती कदम उठाते हुए आतंकवादियों के गीपीएस जाँच के लिए अमेरिका भेज दिए गए हैं।

दर्ज की गयी एफआईआर :

  • राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA) ने जाँच की शुरुआत में इस हमले की एफाईआर दर्ज कर ली है।
  • साथ ही मारे गए चारों आंतकियों के फिंगर प्रिंट और खून के सैंपल भी जमा किए गए हैं।
  • भारतीय सेना ने दशतगर्दों से बरामद किये हथियार और सामान भी एनआईए के सुपुर्द कर दिए हैं।
  • आपको बता दें जांच दल ने आर्मी के अफसरों से बातचीत की और अहम सबूतों को अपने कब्जे में लिया है।
  • बरामद सबूतों में चार एके-47, चौदह मैगजीन, सैटेलाइट डिवाइस, जीपीएस फोन, लैपटॉप, हैंड ग्रेनेड आदि चीज़े शामिल हैं।
  • इन सबूतों में सबसे अहम आतंकियों के जीपीएस फोन और सैटेलाइट डिवाइस है।
  • इसका इस्तेमाल आतंकियों ने सरहद पार फोन करने और लोकेशन ट्रैक करने के लिए किया था।
  • इन जीपीएस फोन और सैटेलाइट डिवाइस को अब अमेरिका के एफबीआई फोरेंसिक लैब भेजा जा रहा है।
  • आपको बता दें कि एनआईए जानना चाहती है किआतंकी किस रास्ते से उरी के सेना मुख्यालय पहुंचे थे।
  • साथ ही वह इस बात का भी पता लगाना चाहती है कि इस दौरान उन्होंने किस-किस से बात की थी।
  • बताया जा रहा है कि इस जांच से पाकिस्तान का सच भी सामने आएगा।
  • हालांकि वह बार-बार इस हमले को लेकर किसी भी तरह की जानकारी से इनकार कर रहा है।
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