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बच्चों को मिलेगी स्कूल-होमवर्क से छुट्टी, जल्द आ सकता हैं विधयक

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केंद्र सरकार स्कूली बच्चों के लिए एक विधयक लाने की तैयारी में है. इस विधयक के लागू होने के बाद पहली और दूसरी क्लास के बच्चों को स्कूल से गृह कार्य (होमवर्क) नहीं मिल सकेगा. 

प्रकाश जावेड़कर ने दी जानकारी:

अब जल्द ही छोटे बच्चे स्कूल होमवर्क करने से बच जायेंगे. सरकार इसके लिये विधयक लाने वाली हैं. इस विधयक के लागू होने से पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों को उनके स्कूल, होमवर्क नहीं दे सकेंगे.

मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस बारे में बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस सिलसिले में संसद के मॉनसून सत्र में एक विधेयक लाएगी. इसके अलावा उन्होंने एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को भी सरल बनाने के संकेत दिए हैं. मद्रास उच्च न्यायालय के 30 मई के एक अंतरिम आदेश के मद्देनजर जावड़ेकर की यह टिप्पणी आई है.

मद्रास उच्च न्यायालय ने दिए थे निर्देश:

गौरतलब हैं कि अदालत ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह राज्य सरकारों को यह निर्देश जारी करे कि वे स्कूली बच्चों के बस्ते का भार घटाएं और पहली एवं दूसरी कक्षा के बच्चों को होमवर्क से छुटकारा दिलाएं.

इसी के बाद केन्द्रीय मंत्री जावड़ेकर ने इस सम्बन्ध में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका मानना है कि नीरस तरीके से कुछ भी सीख नहीं सकते है. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, ‘मैं फैसले (अदालत के) का स्वागत करता हूं. हम आदेश का अध्ययन कर रहे हैं और जो कुछ भी जरूरी होगा, हम करेंगे.’

मानसून सत्र में पारित हो सकता है विधयक:

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के अनुपालन में सरकार मॉनसून सत्र में ‘नो होमवर्क’ विधेयक लाएगी और इसके पारित हो जाने की उम्मीद है.

अदालत ने इस बात का जिक्र किया था कि बच्चे ना तो भारोत्तोलक (वेटलिफ्टर) हैं ना ही बस्ते से लदे कंटेनर हैं. इसने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि स्कूली बस्ते का वजन बच्चे के वजन के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए.

NCIRT के पाठ्यक्रम में भी बदलाव:

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम जटिल है और सरकार ने इसे घटाकर आधा करने का निर्णय किया है. उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे को कैबिनेट के सामने इस माह के अंत में पेश किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ ही एक बच्चे को फिजिकल एजुकेशन और मूल्यपरक शिक्षा की आवश्यकता होती है.

शिक्षा का मतलब केवल याद करना और उत्तर पुस्तिका में लिखना भर नहीं है. शिक्षा व्यापक है. एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम बेहद जटिल है इसलिए हमने इसे घटाकर आधा करने का निर्णय लिया है.

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