Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
India

नोट बंदी से सीमा पार ड्रग माफियाओं और आतंकियों की टूटी कमर!

note ban

भारत सरकार ने 500 और 1000 रूपये के नोटों को बंद कर दिया है. सरकार की तरफ से कालेधन को ख़त्म करने को लेकर चलाये जाने वाली इस मुहिम की चर्चा सीमा पार पाकिस्तान में भी हो रही है. पाक मीडिया में पीएम मोदी के निर्णय को सराहा जा रहा है.

पाक मीडिया भारत सरकार के इस फैसले से काफी प्रभावित है. उनका मानना है कि भारत में काले कारोबारियों पर नकेल कसने का नरेंद्र मोदी का फैसला काफी अहम है. लेकिन काले कारोबार में केवल वो ही नहीं आते जिनके पास अरबों-खरबों का काला धन है. बल्कि सरकार का इन नोटों को बंद करने के पीछे बड़ा मकसद आतंकियों को की जाने वाली मदद और पाक द्वारा जाली नोटों को भारत में फ़ैलने से रोकना है.

पंजाब में ड्रग माफियों का बुरा हाल:

पंजाब नशाखोरी से जूझ रहा है. सीमा पार से नशे का कारोबार पंजाब में इस कदर फैला कि यहाँ के युवाओं को इसका आदी बनाता चला गया. पंजाब के रास्ते पाक से आने वाली ड्रग की खेप को अन्य राज्यों में भी स्मगल किया जाता रहा है. आये दिन पंजाब में  नशे का कारोबार करने वालों को पुलिस पकड़ती है.

और पढ़ें:  RBI द्वारा यह होगा पुराने 500 और 1000 के नोटों का अंजाम!

करोड़ों के ड्रग कारोबार की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी थी कि इसे ख़त्म करना आसान नही लग रहा था. लेकिन नोट बंदी ने इन ड्रग माफियाओं की कमर तोड़ दी है. 500 और 1000 की नोट में कैश लेने वाले ये माफिया अब उस पैसे में नदियों में बहा रहे हैं या तो सड़क किनारे फेंक रहे हैं. इसके साथ ही एक पूरी चेन को तोड़ने का काम भी नोट बैन ने किया है.

आतंकियों को की जाने वाली फंडिंग भी पर भी लगाम: 

पाक के इशारे पर भारत में फैलाये जाने वाले आतंकवाद और आतंकियों की फंडिंग पर भी इसका असर पड़ा है. अलगाववादियों और आतंकियों के हौसले पस्त है. जाली नोटों का कारोबार भी पाक द्वारा फैलाया गया. 500 और 1000 की नोटों के डुप्लीकेट बनाकर इन लोगों ने हथियारों की खरीद को अंजाम देने वालों के लिए अब बुरा वक्त आ गया है. जाली नोटों और पुराने नोटों का स्टॉक बेकार हो गया.

और पढ़ें:  गोवा में देश को ट्रांसफॉर्म करने की ताकत है- पीएम मोदी

हाल में ही नक्सलियों के पैसे को जमा कराने वाले युवक को गिरफ्तार किया गया. उसके पास 25 लाख रूपये थे. इसी प्रकार बरेली में करोड़ों रूपये के नोटों को आग के हवाले कर दिया गया. राजस्थान में जाली नोटों से भारी बोरियां सडकों पर फेंकी हुई मिली. जाली नोटों की आवाजाही और धांधली बंद होती दिख रही है. गैरक़ानूनी रूप से जमा किये हुए करोड़ों रूपये केवल कागज के चंद टुकड़े बन कर रह गए. आतंकियों को मदद करने वाले अब सरकार के इस निर्णय के बाद बेचैन हो उठे हैं.

राजनीतिक दलों की बढ़ी मुश्किलें: 

नोट बंदी से राजनीतिक दल भी अछूता नही रहा है. सरकार को घेरने की कोशिश के बीच नेता शायद ये भूल गए हैं कि जनता की नजरों में चुनाव के दौरान किया जाने वाला खर्च चर्चा का विषय बना रहता है. आम आदमी इस निर्णय से बहुत खुश है कि राजनीतिक दलों का काला पैसा भी बर्बाद हो गया. वहीँ कुछ नेताओं द्वारा सरकार के निर्णय को लेकर सवाल भी उठाया गया है. इस आरोप के बाद ऐसे नेता जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता खोते दिख रहे हैं.

और पढ़ें:  ‘देश के लिए घर-परिवार छोड़ा है, मेरा सब कुछ देश के नाम’- पीएम मोदी

चुनाव के दौरान करोड़ों रूपये एक प्रत्याशी खर्च देता था. अब इस निर्णय के बाद काली कमाई करने वाले नेताओं के होश उड़े हुए हैं. ऐसा माना जा रहा है कि आगामी चुनाव में काले धन का इस्तेमाल भी कम ही हो पायेगा. सभी नेता अपनी काली कमाई को सफ़ेद करने के लिए माथापच्ची कर रहे हैं.

Related posts

बजट 2017 : पूर्व मंत्री ई अहमद को श्रद्दांजलि के बाद पेश होगा बजट!

Vasundhra
7 years ago

PM मोदी ने ओम माथुर को गुजरात जाने के दिए निर्देश

Divyang Dixit
7 years ago

वीडियो: जब सरेआम लड़के ने किया लड़की को ‘ जबरदस्ती किस’!

Shashank
7 years ago
Exit mobile version