राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा देश के बैंकिंग सेक्टर के लिए एक अहम कदम उठाया गया है. जिसके तहत उनके द्वारा गैर निष्पादित संपत्ति यानी नौन परफोर्मिंग एसेट्स के अध्यादेश को मंजूरी दे दी गयी है. बता दें कि मंजूरी के साथ ही भारतीय रिज़र्व बैंक को अधिकार मिलता है कि वह देश में निष्पादित संपत्ति और जो ऋण चुकाए नहीं जा सके हैं उनपर उचित कदम उठा सके.

BRA के सेक्शन 35 में बदलाव के लिए दी गयी मंजूरी :

  • राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा गैर निष्पादित संपत्ति(NPA) अध्यादेश को मंजूरी दे दी गयी है.
  • जिसके लिए उन्होंने बीते दिन इस अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर अपनी सहमती प्रकट की है.
  • आपको बता दें कि इस अध्यादेश के पास होने के साथ ही रिज़र्व बैंक को कई तरह के अधिकार मिल गए हैं.
  • जिसके तहत वह अब देश में इस तरह की सभी संपत्तियों और ऋणों के मद्देनज़र उचित कदम उठाएगा.
  • आपको बता दें कि इस अध्यादेश को मंजूरी मिलने के साथ ही अब बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के सेक्शन 35 के नियम में ज़रूरी बदलाव भी किये जायेंगे.
  • इसी क्रम में वित्त सचिव अशोक लवासा के अनुसार इस अध्यादेश के देशबी पड़ी संपत्ति का उचित उपयोग हो सकेगा.
  • गौरतलब है कि देश के सरकारी बैंकों में इस तरह के ऋणों की समस्या ज़्यादा देखने को मिल रही है.
  • जिसके तहत गत वर्ष 2016-17 के अप्रैल से दिसंबर से बीच करीब 1 लाख करोड़ का ऋण बकाया है.
  • जिसके तहत अब ऐसा माना जा रहा है कि इस विधेयक के चलते नियमों में बदलाव किये जायेंगे.
  • साथ ही इस तरह के ऋणों को या तो किसी तरह से वसूल किया जाएगा या फिर कोई और उचित कदम उठाया जाएगा.
  • आपको बता दें कि बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट का सेक्शन 35 RBI को सम्बंधित अधिकार देने के बने गया है.
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