गैर सरकारी संगठनों ने बुजुर्गों के कल्याण में बनी राष्ट्रीय नीति पर मुहर लगाने की मांग की है.इसके  अंतर्गत ‘ग्रे सुनामी’जो जल्द राष्ट्र नीतियों पर हावी होगा इस बात पर भी चिंता प्रकट की गयी है.सुप्रीम कोर्ट से इस पर ध्यान देने की बात कही गयी है.

जस्टिस लोकुर और पी सी पन्त करेंगें केस की सुनवाई

  • दोनों जजों ने गैर सरकारी संगठन द्वारा दाखिल की गयी रिपोर्ट का अध्ययन किया.
  • इस रिपोर्ट को रिकॉर्ड में रखने के बाद केंद्र सरकार को इस पर गौर करने को कहा है.
  • पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ट एडवोकेट अश्विनी कुमार द्वारा दाखिल याचिका में
  • विभिन्न मुद्दे उठाये गए हैं.बुजुर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन की मांग की गई.
  • केस की अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी.
  • रिपोर्ट में बताया गया है साल 2011 में बुजुर्गों की संख्या 103 मिलियन दर्ज थी.
  • जो साल 2015 में बढ़कर 108 मिलियन पाहुंच गयी.
  • 2011  से अब तक  60 साल  से ऊपर बुजुर्गों का प्रतिशत 35 प्रतिशत बढ़ा है.

वी मोहन गिरी की अध्यक्षता में बनी समिती

  • इस मामले में एक ड्राफ्ट दाखिल किया जा चुका है.
  • पांच साल निकल जाने के बाद भी नेशनल पालिसी पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है.
  • इस मामले के रिवाइज्ड वर्जन पर पार्लियामेंट ने मुहर लगा दी थी.
  • वर्तमान नेशनल पालिसी असफल मानी जा रही है.
  • जहां ओल्ड ऐज होम को हर जिले में बनवाने की बात की जा रही थी.
  • अब तक ऐसा होता नहीं दिख रहा है.अगली सुनवाई में कोर्ट का निर्णय बेहद अहम होगा.
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