भारत में वैसे तो बहुत बार भूकंप आते रहे हैं. परंतु भारत के इतिहास को यदि हम उठा कर देखें तो सालों पहले एक ऐसा भूकंप आया था जिसने पूरे हिमांचल प्रदेश समेत आस-पास के क्षेत्रों को हिला कर रख दिया था. 1905 में आज ही के दिन हिमांचल में भूकंप ने हज़ारों लोगों को अपनी चपेट में ले लिया था. इस भूकंप की तीव्रता करीब 8 रिक्टर स्केल बताई जाती है. जिसने इस क्षेत्र की हर इमारत और घरों को तहस-नहस कर के रख दिया था.

19,000 से ज़्यादा लोग हुए थे भूकंप के शिकार :

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  • हिमांचल प्रदेश के इतिहास में एक पन्ना ऐसा भी है जो बेहद दर्दनाक है.
  • यहाँ पर आज ही के दिन साल 1905 में एक ऐसी प्राकृतिक आपदा आई थी जिसने पूरे क्षेत्र को तहस-नहस कर के रख दिया था.
  • बता दें कि इस भूकंप की तीव्रता करीब 8 रिक्टर स्केल बताई जाती है.
  • इतनी तेज़ तीव्रता के इस भूकंप के कारण पूरे पहाड़ी क्षेत्र में जैसे तबाही आ गयी थी.
  • यहाँ पर बने प्राचीन प्रसिद्ध मंदिर पूरी तरह से खंडित हो गए थे.
  • यही नहीं यहाँ की रिहाईश भी इस भूकंप की चपेट में आयी थी.
  • प्राकृतिक आपदा के इस तांडव के दौरान करीब 19,000 से ज़्यादा लोग मारे गए थे.
  • यही नहीं इस क्षेत्र में सीमा की सुरक्षा कर रहे गोरखा रेजिमेंट के 400 जवान बंकरों के टूट जाने से उन्ही में ज़िंदा दब गए थे.
  • आपको बता दें कि यह भूकंप बेहद भयानक था जिसके चलते कांगरा, धरमशाला समेत पूरे उत्तराखंड में तबाही मचा दी थी.
  • यही नहीं इस भूकंप का प्रभाव पंजाब के अमृतसर, लाहौर(पाकिस्तान), लुधियाना आदि में भी देखने को मिला था.
  • इसके अलावा इस भूकंप का प्रभाव कोलकाता के कुछ क्षेत्रों पर भी पड़ा था.
  • यदि संपत्ति की बात करें तो इस भूकंप में करीब एक लाख इमारतें तहस-नहस हो गयी थीं.
  • इसके अलावा पशुओं की बात की जाए तो 53,000 पशु इस भूकंप की चपेट आ गए थे.
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