प्रधानमन्त्री मोदी द्वारा पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए जमा किये गए दस्तावेजों पर केन्द्रीय सूचना आयोग ने जानकारी देने से साफ़ इनकार कर दिया है. इस मामले में जी. एम चौहान जो गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष हैं. उन्होनें एक आरटीआई दाखिल की थी.जिसपर केन्द्रीय सूचना आयोग ने जवाब दिया है.

दस्तावेजों की प्रति के लिए आरटीआई

  • जी. एम चौहान ने मोदी द्वारा पासपोर्ट बनवाने से लेकर एक राजनयिक पासपोर्ट के आवेदन
  • दस्तावेजों की प्रतियाँ आरटीआई के तहत मांगी थी.
  • पासपोर्ट ऑफिस ने इससे पहले इसे निजी तथ्य बताते हुए जानकारी देने से
  • इनकार कर दिया था. मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी)  माथुर ने अपने आदेश में कहा कि
  • चौहान “व्यक्तिगत जानकारी” के प्रकटीकरण के लिए व्यापक जनहित को पुष्ट नहीं कर पाए.
  • चौहान ने तर्क दिया कि जानकारी गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और
  • प्रधानमंत्री के सार्वजनिक जीवन से संबंधित है, उसके प्रकटीकरण जनता के हित में है.
  • किसी भी “संभावित नुकसान या चोट से परे है.चौहान ने यह भी कहा कि
  • विदेश मंत्रालय, केंद्रीय जन सूचना अधिकारी  और पासपोर्ट ऑफिस ने
  • अधिनियम की धारा 11 का पालन नहीं किया है जिसके तहत जिस व्यक्ति की
  • जानकारी ली जा रही है. उससे परामर्श लेना ज़रूरी है. विदेश मंत्रालय ने कहा था कि
  • ये धारा तभी लागू हो सकती है जब मिनिस्ट्री ऑफ़ सिविल एविएशन
  • आरटीआई के तहत स्वीकृति दे.

प्रधानमन्त्री की डिग्री पर सवाल

  • इससे पहले केन्द्रीय सूचना आयोग के कमिश्नर श्रीधर अचार्युलू ने
  • दिल्ली यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड को खंगालने का निर्देश दिया था.
  • उस वक़्त प्रधानमन्त्री मोदी के यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्ति पर सवाल उठे थे.
  • लेकिन आदेश के बाद श्रीधर अचार्युलू को इस सम्बन्ध में सुनवाई करने पर
  • उनके पद से हटा दिया गया था.
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