अमेरिकी संसद में संयुक्त राष्ट्र सत्र को सम्बोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री मोदी का रूख आक्रामक रहा। आतंकवाद पर बोलते हुए उन्होंने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए कहा कि ”हमारे पड़ोस में ही आंतकवाद को शह देने वाले लोग हैं और इन संरक्षकों को अलग रखना जरुरी है। मोदी ने कहा भारत शान्ति चाहता है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी देशों का सहयोग भी। एम ने यह भी क‍हा कि भारत एशि‍या से लेकर अफ्रीका तक शांति चाहता है. आतंकवाद का एक सुर में विरोध करना होगा। पीएम ने यह भी क‍हा कि भारत एशि‍या से लेकर अफ्रीका तक शांति चाहता है. आतंकवाद का एक सुर में विरोध करना होगा।

सुनिए और क्या क्या कहा प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी पूरी स्पीच में:

अमेरिका दौरे के दूसरे दिन मोदी बुधवार को कैपिटल हिल में स्पीकर पॉल रेयान ने पीएम मोदी का औपचारिक स्वागत किया। पीएम मोदी ने इससे पहले दिन भर विभिन्न कार्यक्रमों को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस को सम्बोधित करते हुए कहा, ‘अमेरिकी संसद में बोलने का मौका मिलना सौभाग्य की बात है। एक लोकतंत्र से दूसरे लोकतंत्र को ताकत मिलती है। यहाँ मेरा नहीं 125 करोड़ भारतीयों का स्वागत किया जा रहा है। अमेरिका लोकतंत्र की एक मिसाल है। और यही कारण है कि अमेरिका और भारत के आपसी संबंध बेहतर होते जा रहे है।

पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘ अभि‍व्यक्ति की आजादी हमारा मूल अधि‍कार है। जाति-धर्म में अनेकता के बावजूद भारत एक है।’ उन्होंने स्वामी विवेकानंद और गांधी के दिए गए भाषणों का भी जिक्र किया। साथ ही उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी में कई साल बिताए और उन्होंने अमेरिकी संविधान का गहराई से अध्ययन किया।

मुंबई हमलों के दौरान मदद के लिए अमेरिका का आभार व्यक्त करते हुए पीएम ने कहा कि अमेरिका के साथ रक्षा समझौते में बढ़ोतरी हुई है और आगे भी हम मिलकर आतंकवाद जैसे मुद्दे पर साथ काम करते रहेंगे।

 

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