मोदी सरकार ने देश की गलियों, सड़को और तमाम सार्वजनिक स्‍थलों की सफाई के लिए एक योजना की शुरूआत की थी। इस ‘स्‍वच्‍छ भारत योजना’ के प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मादी के अलावा बीजेपी के तमाम बड़े नेता झाडू हाथो में लेकर सड़को की सफाई करते हुए नजर आये थे। इस योजना की शुरूआत से लेकर अब तक केंद्र सरकार ने प्रचार में ही लगभग 505 रूपये खर्च कर दिये है। पिछले दो सालों के दौरान केंद्र ने जो प्रमुख योजनांएं चलायी है उनमें स्वच्छ भारत, स्किल इंडिया और मुद्रा जैसी योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं का प्रचार करने के लिए केंद्र ने पिछले दो सालों में लगभग 607 करोड़ रूपये  खर्च कर दिये है।

मोदी सरकार ने सबसे ज्यादा पैसा स्वच्छ भारत अभियान के प्रचार में ही खर्च किया है। इतना खर्चीला प्रचार होने के वाबजूद भी इस योजना का देशवासियों के ऊपर कोई खास असर दिखाई नही दिया। सरकार ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना पर खर्च किया, इसके प्रचार में 62.4 करोड़ रुपये खर्च किया गया। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय (DAVP) ने स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, इंद्रधनुष, मुद्रा, पीएम फसल बीमा योजना जैसी सरकारी योजनाओं के प्रचार पर भी खर्च किया।

गौरतलब है कि पिछले दो सालों के दौरान माेेदी सरकार की तमाम योजनाएं विपक्षी दलों के निशानेे पर है। काग्रेस समेत तमाम दलों के नेता इस सरकार पर यह आरोप लगातेे रहे है कि मोदी सरकार सिर्फ प्रचार करने के सिवा कुुछ नही कर रही हैै।

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