गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या अब राज्यसभा सांसद नहीं बनेंगे। प्रणव ने राज्यसभा का सदस्य बनने का प्रस्ताव खारिज कर दिया है। डॉ. प्रणव पंड्या कहा कि मैंने अंतरात्मा की आवाज सुनी जिसके बाद मुझे लगता है कि मुझे राज्यसभा नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में बहस का स्तर मेरे लायक नहीं है,  राज्यसभा सांसद का पद मेरे मौजूदा पद से छोटा है।

पेशे से डॉक्टर, प्रणव पंड्या गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के दामाद हैं, और वर्तमान में हरिद्वार स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति, स्वामी विवेकानंद योगविद्या महापीठम के अध्यक्ष और अखंड ज्योति के संपादक भी हैं। उन्हें वैज्ञानिक आध्यात्मिकता का मार्गदर्शक भी माना जाता है।

इससे पहले प्रणव पंड्या को मोदी सरकार ने मनोनीत किया था। उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की व्यक्तिगत पसन्द बताया जा रहा था। प्रणव के मनोनयन पर चर्चा थी कि डॉ पंड्या प्रधानमंत्री मोदी के बेहद करीबी हैं और उनका चयन पीएम मोदी की व्यक्तिगत पसंद है। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री की ओर से शुरू किये गये स्वच्छता अभियान का सुझाव भी प्रणव पंड्या ने दिया था।

डॉ पंड्या का नाम सामने आने के बाद मीडिया से जुड़ी चर्चित हस्तियों में से किसी सदस्य को राज्यसभा के लिए भेजे जाने की अटकलों पर विराम लग गया था। अब सरकार को नये सिरे से मंथन करना होगा।

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