हर उम्र और हर वर्ग की पंसदीदा देसी कैंडी ‘पल्स’ ने विदेशी कंपनियों को कड़ी टक्कर दी है। आश्चर्यजनक है, लेकिन यह सच है। 2015 में लांच हुई ‘पल्स’ ने बड़ी विदेशी कंपनियों को मुनाफे में पिछाड़ दिया है।

दो साल में ‘पल्स’ ने विदेशी कंपनियों को दिया पछाड़-

  • डीएस (धर्मपाल और सत्यपाल) ग्रुप ने 2015 में ‘पल्स’ टॉफी को लांच किया था।
  • लंचिंग के 8 महीने के भीतर ही इस टॉफी ने 100 करोड़ रुपये का आंकड़ा छू लिया था।
  • कच्चे आम के स्वाद वाली ‘पल्स’ ने पिछले महीने 300 करोड़ का सेल्स किया।
  • इसके साथ ही 1 रुपये में मिलने वाली इस टॉफी ने मल्टी नेशनल कंपनियों जैसे ओरियो को पछाड़ दिया है।
  • भारत में 2011 में लांच हुई ओरियो ने 283 करोड़ का सेल किया।
  • भारत की ‘पल्स’ की टक्कर पार्ले की मैंगो बाइट और इटली की ऐल्पेनलिबे से हो रही है।
  • पार्ले की मैंगो बाइट और इटली की ऐल्पेनलिबे ने कैंडी बाजार में एक दशक से अधिक समय पूरा किया है।
  • पल्स ने केवल दो साल में ही पार्ले और ऐल्पेनलिबे के बाद तीसरा स्थान हासिल किया है।
  • अब डीएस गु्रप की कोशिश सिंगापुर, अमेरिका और ब्रिटेन तक पहुंचने की कोशिश में है।
  • इन सब में सबसे खास यह है कि इस टॉफी के प्रचार-प्रसार पर कोई खास खर्च नहीं किया गया है।
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