पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि भारतीय वायुसेना ने भारत-पाक नियंत्रण रेखा (एलओसी) का उल्लंघन किया है और पाकिस्तान की सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश की। पाक सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट किया कि मुज़फ़्फ़राबाद सेक्टर से भारतीय विमानों ने घुसपैठ की कोशिश की, जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने त्वरित कार्रवाई की है। उन्होंने ट्वीट किया, “भारतीय विमानों ने मुज़फ़्फ़राबाद सेक्टर से घुसपैठ की। पाकिस्तानी वायु सेना की तरफ़ से तत्काल और प्रभावी कार्रवाई की गई जिसके बाद वो भागने लगे।” “भागते हुए उन्होंने हड़बड़ा कर कुछ बम गिराए जो बालाकोट के नज़दीक गिरे। इसमें कोई नुक़सान या कोई हताहत नहीं हुआ है।” पाकिस्तान ने ये दावा ऐसे वक़्त में किया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच पुलवामा हमले को लेकर तनाव की स्थिति है।

14 फ़रवरी को हुए हमले के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सुरक्षाबलों को ख़ुली छूट दे दी गई है। वहीं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा था कि अगर पाकिस्तान पर हमला होता है तो पाकिस्तान भी जवाबी कार्रवाई करेगा। भारत प्रशासित कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ़ जवानों के काफ़िले पर हुए आत्मघाती हमले के बाद भारत में सरकार, लोगों और मीडिया के बीच गहमागहमी जारी है। हमले की ज़िम्मेदारी पाकिस्तान में मौजूद संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। इसके बाद से भारत सरकार पुलवामा हमले के लिए पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहरा रही है। मीडिया में युद्ध करने से लेकर सिंधु जल समझौता तोड़ने तक की बातें हो रही हैं। भारत, पाकिस्तान पर चरमपंथ को पनाह देने का आरोप भी लगा रहा है। लेकिन, पाकिस्तान ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने हमले की सूरत में जवाबी कार्रवाई की चेतावनी भी दे डाली है।ऐसे में पाकिस्तान की आवाम इस मसले को कैसे देख रही है। सरकार में किस तरह की हलचल है और मीडिया में पुलवामा हमले और भारत के रुख को कितना महत्व दिया जा रहा है।

पाकिस्तान के लोगों में चिंता तो है कि एक बार फिर दोनों देश उस दुष्चक्र में आ गए हैं जिसमें भारत पर हमला होता है तो सीधे पाकिस्तान पर इल्ज़ाम लगता है। लेकिन, पाकिस्तान के लोग भी जंग नहीं चाहते। यहां के लोगों ने तालिबान को और जंग के हालातों को देखा हैं, ऐसे में वो शांति के पक्षधर हैं। लेकिन, विपक्ष के नेता ये सवाल ज़रूर उठा रहे हैं कि क्या पाकिस्तान ने अपना होमवर्क किया है। पहले भी पाकिस्तान इस बात से इनकार करता रहा है कि चरमपंथी हमले के लिए उसकी ज़मीन का इस्तेमाल किया गया है। लेकिन, बाद में इससे जुड़ी कई ऐसी बातें सामने आईं जो पाकिस्तान के इस दावे पर सवालिया निशान लगाती हैं। ऐसे में क्या पाकिस्तान को इस बार पूरा भरोसा है कि हमले को यहां से अंजाम नहीं दिया गया था और इसमें पाकिस्तान का कोई शफ़ा यानि समूह शामिल नहीं था।

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