केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक कहा कि फरवरी माह तक बोर्ड परीक्षाएं नहीं होंगी।

वेबिनार के जरिए शिक्षकों के साथ संवाद के दौरान उन्होंने कहा कि फरवरी माह तक इसे कराना संभव नहीं होगा। कोरोना महामारी के चलते इसमें देरी हो रही है।

फरवरी के बाद परीक्षाएं कब कराईं जा सकती हैं, इस पर मंथन करेंगे। आगे सूचना दी जाएगी। लगातार बातचीत चल रही है। एक अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि ऑनलाइन मोड से बोर्ड परीक्षाएं कराना संभव नहीं है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बातचीत के दौरान कहा कि कोरोना काल में शिक्षकों ने योद्धाओं की तरह बच्चों को पढ़ाया है।

ऑनलाइन मोड से बच्चों को उन्होंने पढ़ाने में कोई कमी नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा में ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) विषय ला रहे हैं।

भारत दुनिया का पहला देश होगा जहां स्कूली स्तर पर ही एआई की पढ़ाई शुरू होगी।

संवाद के दौरान शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के कुछ अंश –

शिक्षिका ने प्रश्न पूछा – क्या बोर्ड परीक्षा का स्थगन संभव है? क्या इसमें तीन माह की देरी हो सकती है? इसके जवाब में शिक्षा मंत्री निशंक ने कहा कि मोदी सरकार छात्रों के साथ है। हम लगातार छात्रों के साथ बात कर रहे हैं। हमने कोरोना काल में जेईई मेन और नीट जैसी बड़ी परीक्षाएं कराईं। बिहार चुनाव में इन परीक्षाओं का उदाहरण लिया गया। इतना कह सकता हं कि जनवरी-फरवरी में बोर्ड परीक्षाएं नहीं होंगी। फरवरी माह तक इसे कराना संभव नहीं होगा। फरवरी के बाद परीक्षाएं कब कराई जा सकती है, इस पर मंथन करेंगे। आगे सूचना दी जाएगी। लगातार बातचीत चल रही है।

– मनोदर्पण से विद्यार्थियों को मानसिक तौर पर स्वस्थ रखने का प्रयास किया जा रहा है।

– CBSE, KVS, JNV, NVS ने 5 लाख से ज्यादा शिक्षकों को ऑनलाइन शिक्षक की ट्रेनिंग दी
सीबीएसई ने 4.80 लाख शिक्षकों को अप्रैल से अगस्त के बीच ऑनलाइन पढ़ाने की ट्रेनिंग दी। केवीएस ने 15 हजार और जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) ने 9 हजार से ज्यादा शिक्षकों को ट्रेनिंग दी।

– नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा में ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ला रहे हैं। भारत दुनिया का पहला देश होगा जो स्कूली स्तर पर ही एआई की पढ़ाई शुरू होगी।

– नई शिक्षा नीति में कक्षा 6 से ही वोकेश्नल स्ट्रीम आ रही है। इंटर्नशिप के साथ ये पढ़ाई होगी। ये ज्ञान केवल पुस्तक तक सीमित नहीं होगा। हम चाहते हैं कि सभी माध्यमिक स्कूलों में इसकी पढ़ाई शुरू हो। उद्योगों और कृषि में बच्चों को प्रशिक्षण मिले।

– जिस तरह शिक्षा नीति पर शिक्षकों से चर्चा की थी, उसी तरह से बोर्ड परीक्षाओं पर भी मैं आप लोगों के विचार जानना चाहता हूं।

– कोरोना के समय शिक्षकों ने योद्धा की तरह काम किया। विद्यार्थियों का साल बर्बाद नहीं होने दिया। शिक्षक मुश्किल समय में विद्यार्थियों के साथ चट्टान की तरह डटे रहे।

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