गुजरात की औद्योगिक राजधानी कहे जाने वाले अहमदाबाद ने जनवरी 2016 से मार्च 2016 तक की वार्षिक तिमाही में नौकरियों के सृजन में खराब परफार्मेंस दी है। शीर्ष उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा किए गए एक अध्ययन में सामने आया है कि इस अवधि में शहर में केवल 20,541 नौकरियों के अवसर उत्पन्न हुए हैं, जो कि भारत के आठ प्रमुख महानगरों में इसी अवधि के दौरान उत्पन्न हुई नौकरियों का 2.4 प्रतिशत है।

  • एक ताजा सर्वे के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2016 की पिछली तिमाही में उत्तर प्रदेश और हरियाणा राज्य में गुजरात के मुकाबले नौकरियों के अधिक अवसर उत्पन्न हुए हैं।
  • गुजरात में नौकरियों के अवसर उत्पन्न करने के मामले में कई राज्यों से पीछे हैं और यहां पूरे भारत की मात्र 5 प्रतिशत नौकरियां उत्पन्न हुई हैँ।
  • आकड़ो के मुताबिक कर्नाटक 24 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ इस सूची में पहले पायदान पर है।
  • वहीं महाराष्ट्र 23 प्रतिशत शेयर के साथ भारत का दूसरा ऐसा राज्य बना हुआ है जहां नौकरियां उत्पन्न हुई हैं।
  • इसके अलावा तमिलनाडु (10.5%), आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ने संयुक्त रूप से (9%), हरियाणा (8%) और उत्तर प्रदेश ने (7.5%) नौकरियां उत्पन्न की हैं।
  • मालूम हो कि गुजरात भारत में बनाई गई कुल नौकरियों में से 5% हिस्सेदारी के साथ में, राज्यों के बीच 7 वें स्थान पर है।
  • अध्ययन के मुताबिक बैंगलोर ने कुल नौकरियों मे से 23.4 प्रतिशत नौकरियां उत्पन्न की हैं। वहीं मुम्बई ने 18.6 प्रतिशत नौकरियां उत्पन्न की हैं। जबकि अहमदाबाद निचले पायदान पर रहा है।
  • भारत के प्रमुख महानगरों की हाल ही में प्रकाशित एसोचैम प्लेसमेंट की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में 2.6 लाख नए रोजगार के साथ रोजगार सृजन के क्षेत्र में आठ शहरों में बनाए गए कुल 8.52 लाख नौकरियों में सबसे आगे रहा है।
  • रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दिल्ली में कुल रोजगार सृजन का 30.1% हिस्सा रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कुल नए रोगजार का 89 प्रतिशत भारत के पांच महानगरों बैंगलोर, मुंबई, चेन्नई और हैदराबाद और दिल्ली में ही है।
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