खाने-पीने की चीजों के दाम में कमी से इस साल जनवरी माह के मुकाबले फरवरी की खुदरा महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई। फरवरी की खुदरी महंगाई दर 5.18 प्रतिशत रही जबकि इस साल जनवरी की खुदरा महंगाई दर 5.65 प्रतिशत थी। वहीं फरवरी में खुदरा खाद्य महंगाई दर 5.30 प्रतिशत थी जबकि इस साल जनवरी में यह दर 6.85 प्रतिशत थी।

Retail inflation

आकड़ों के मुताबिक पिछले साल फरवरी के मुकाबले मात्र 3.35 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई जबकि इस साल जनवरी में खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई दर में पिछले साल जनवरी के मुकाबले 6.02 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई थी। पिछले साल की तुलना में फरवरी महीने में आलू के थोक दाम में 6.28 प्रतिशत, सब्जियों में 3.34 प्रतिशत, और चावल में 1.63 प्रतिशत की गिरावज दर्ज की गई है।मैन्यूफैक्चरिंग आइटमस में पिछले साल के मुकाबले 0.58 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

Retail inflation

फरवरी महीने की थोक महंगाई दर पिछले कई माह की तरह शून्य से नीचे 0.90 फीसदी पर रही। खुदरा व थोक मुद्रास्फीर्ति की दरों में गिरावट के बाद औद्योगिक संगठनों से मांग में बढ़ोत्तरी के लिए ब्याज दरों में कटौती की मांग तेज कर दी है। औद्योगिक उत्पादन, मैन्यूफैक्चरिंग, कैपिटल गुड्स में गिरावट के बाद यह साफ हो गया है कि अर्थव्यवस्था में निवेस व मांग का संकुचन हो रहा है। माना जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक अगली मौद्रिक समीक्षा के दौरान औद्योगिक संगठनों की मांगों पर विचार कर सकता है।
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