एक बहुचर्चित आत्महत्या के मामले में बीते समय में मानव संसाधन मंत्रालय की एक जांच रिपोर्ट सामने आयी थी. जिसके लिए RTI द्वारा इस रिपोर्ट को साझा करने की याचिका दयार की गयी थी. जिसके बाद मंत्रालय द्वारा इस याचिका को खारिज कर दिया गया है. बता दें कि इस रिपोर्ट के तहत हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पीएडी के छात्र रोहित वेमुला को अपनी मौत का दोषी बताया गया था.

क्या है पूरा मामला :

  • बीते कुछ समय में एक आत्महत्या के मामले ने तूल पकड़ा था.
  • यह मामला हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पीएचडी के छात्र रोहित वेमुला का था.
  • आपको बता दें कि रोहित के पत्र में साफ़-साफ़ लिखा था कि वे निजी कारणों से यह कदम उठा रहे हैं.
  • परंतु रोहित के परिवार व दोस्तों द्वारा इस मामले को दलित वर्ग से जोड़ दिया था.
  • जिसके बाद इस मामले में कई दिग्गज घेराव में आये थे.
  • जिनमे यूनिवर्सिटी के डीन व तत्कालीन एचआरडी मंत्री स्मृति इरानी भी थीं.
  • बता दें कि अब इस मामले पर जांच के बाद रिपोर्ट आ गयी है.
  • इस रिपोर्ट के अनुसार रोहित की मां ने आरक्षण के लिए दलित होने का दावा किया था.
  • इसके साथ ही रिपोर्ट में रोहित को छात्रावास से निकाला जाना सही बताया गया है.
  • यह रिपोर्ट केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा बनाई गई एक सदस्यीय न्यायिक आयोग की जांच रिपोर्ट है.
  • जिसके अनुसार हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला अपनी आत्महत्या के लिए खुद जिम्मेदार थे.
  • बताया गया है कि रोहित ने छात्रावास से निकाले जाने की वजह से आत्महत्या नहीं की थी.
  • आपको बता दें कि 17 जनवरी 2016 को रोहित वेमुला ने आत्महत्या कर ली थी.
  • जिसके बाद छात्रों व कुछ राजनीतिक दलों ने घटना का विरोध किया था.
  • इस मामले पर RTI द्वारा रिपोर्ट साझा करने की मांग की गयी थी.
  • जिसे अब मंत्रालय द्वारा खारिज कर दिया गया है.

 

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