नई दिल्ली :केंद्र सरकार एक एेसा बिल तैयार कर रही है जो अगर पास हाेकर कानून बना तो कई कंपनियां और एजेंसियां सरकार की तरफ से बिना लाइेंसस के कोई मैप ऑनलाइन नहीं दिखा सकेंगी। इसके तहत भारत का गलत नक्शा दिखाने पर आपको सात साल तक की जेल हो सकती है। यही नहीं, 100 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लग सकता है।

बिल की कुछ खास बातें : 

गूगल मैप्स जैसी सर्विसेस सैटेलाइट्स और क्राउड सोर्स्ड डटा के जरिए इन्फॉर्मेशन इकट्ठा करती हैं। इस बिल के बाद इनको गैरक़ानूनी घोषित कर दिया जायेगा।
इसके बाद बैलून, ड्रोन या किसी भी तरह के व्हीकल के जरिए एरियल या स्पेस व्यू के साथ भारत के किसी हिस्से की जियोस्पेशियल इमेजप्राप्त नहीं कर पाएगा। मैप्स के लिए इस तरह की इन्फॉर्मेशन हासिल करने और उसे साइट्स या एेप्स के जरिए दिखाने के लिए इंडियन अथॉरिटी से लाइसेंस लेना होगा।

आपको बता दें कि उबेर और ओला और अन्य टैक्सी कैब चलाने वाली कंपनियां ऐप बेस्ड सर्विसेस देती हैं। इनकी कैब बुक कराने वाले लोग और उन्हें चलाने वाले ड्राइवर्स ऐप बेस्ड मैप्स का ही उपयोग करते हैं। इसी तरह जोमाटो जैसी कंपनियां फूड डिलिवरी के लिए ऐप का उपयोग करती हैं।

लगेगा भारी जुर्माना :

कश्मीर को लेकर गलत मैप दिखाने पर गूगल मैप्स, गूगल अर्थ और बाकी एजेंसियों पर बड़ा जुर्माना लगेगा।

क्या और कितनी होगी सजा :
  • जो कंपनियां, एजेंसियां, संस्थाएं या लोग अभी मैप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें लाइेंसस लेना होगा। ऐसा नहीं किया तो जुर्माना 10 लाख से 100 करोड़ रुपए के बीच लगेगा।
  • सिर्फ सरकारी डिपार्टमेंट‌्स काे लाइसेंसिंग की जरूरत नहीं होगी।
  • सात साल की सजा का भी है प्रावधान
सरकार कैसे नजर रखेगी?
इसके लिए सरकार सिक्युरिटी अथॉरिटी बनाएगी जिससे इनकी इन्फॉर्मेशन का रेगुलेशन किया जा सके और मैप इस्तेमाल करने वाली कंपनियों पर नजर रखी जा सके।
बता दें कि ट्विटर ने कश्मीर की ज्याॅग्राफिकल लोकेशन चीन और जम्मू की पाकिस्तान में दिखाई थी जिसका जमकर विरोध हुआ था। कुछ मामले भी हुए हैं जब सर्च इंजन्स या सोशल नेटवर्किंग साइट्स ने जम्मू कश्मीर को पाकिस्तान और अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा दिखाया है जिसके बाद सरकार ने एक बिल बनाकर इसको क़ानूनी रूप देने का फैसला किया है।
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