नोटबंदी के खिलाफ देश भर के हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि नोटबंदी पर दायर याचिकाओं की सुनवाई केवल एक जगह ही होगी। अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट करेगा। इसकी सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संवैधानिक बेंच बनाई गई है।

नोटबंदी पर याचिकाओं का निपटारा करेंगा सुप्रीम कोर्ट :

  • सुप्रीम कोर्ट ने चलन से बाहर हुए 500 और 1000 के नोटों को कुछ निश्चित जगह पर अवधी बढ़ाने से इंकार कर दिया है।
  • इस संबंध में किसी भी तरह की छूट देने का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सरकार पर छोड़ा है।
  • वहीं देश भर की अलग-अलग अदालतों में लंबित नोटबंदी के मामलों पर सुनवाई तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।
  • सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि नोटबंदी के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं की एक ही जगह सुनवाई होगी।
  • सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि हाईकोर्ट अब नोटबंदी से जुड़ी याचिका की सुनवाई नहीं करेगा।
  • याचिकाओं की सुनवाई केवल सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ करेगी।
  • इस पीठ में सुप्रीम कोर्ट के पांच जज शामिल होंगे।
  • यह जज केवल नोटबंदी से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई करेंगे।
  • अब तक दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने नौ सवाल की एक सूची पीठ को भेज दी है।
  • वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि वह हर सप्ताह 24 हजार रूपये की निकासी प्रतिबद्धता का पूरा करें।

पांच जजों की पीठ इन सवालों पर होगी सुनवाई :

  • नोटबंदी का फैसला RBI एक्ट 26 का उल्लंघन है?
  • नोटबंदी का 8 नवंबर और उसके बाद के नोटिफिकेशन असंवैधानिक हैं?
  • नोटबंदी संविधान के दिए समानता के अधिकार (आर्टिकल 14) और व्यापार करने की आजादी (आर्टिकल 19) जैसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है?
  • नोटबंदी के फैसले को बिना तैयारी के साथ लागू किया गया। जबकि ना तो नई करेंसी का सही इंतजाम था
  • ना ही देश भर में कैश पहुंचाने का?
  • बैंकों और ATM से पैसा निकालने की सीमा तय करना अधिकारों का हनन है?
  • जिला सहकारी बैंकों में पुराने नोट जमा करने और नए रुपये निकालने पर रोक सही नहीं है?
  • कोई भी राजनीतिक पार्टी जनहित के लिए याचिका डाल सकती है या नहीं?
  • क्या सरकार की आर्थिक नीतियों में सुप्रीम कोर्ट दखल दे सकता है?
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