सर्वोच्च अदालत ने मालेगांव बम विस्फोट मामले में मुख्य आरोपी श्रीकांत प्रसाद पुरोहित की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा। 2008 में हुए बम विस्फोट में छह लोग मारे गए थे। न्यायमूर्ति आर.के. अग्रवाल व न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे की पीठ ने आदेश को सुरक्षित रखा।

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9 साल से जेल में हैं पुरोहित :

  • श्रीकांत पुरोहित ने अदालत से कहा कि वह बीते नौ सालों से जेल में हैं और वह जमानत पाने का हकदार हैं।
  • पुरोहित ‘अभिनव भारत’ के गठन से पहले सेना में थें।
  • उन्होंने हिंदू राष्ट्र की लड़ाई के लिए अभिनव भारत का गठन किया था।
  • मालेगांव घटना में अपने शामिल होने से इनकार करते हुए पुरोहित ने अदालत से बड़ी बात कही है।
  • उन्होंने कहा अगर यह मान भी लिया जाए कि उनपर पर लगाया गया बम की आपूर्ति करने का आरोप सही है।
  • तो भी उन्हें जेल से बाहर होना चाहिए क्योंकि इस अपराध की भी अधिकतम सजा सात साल है, जो वह पहले ही काट चुके हैं।

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एनआईए ने किया जमानत याचिका का विरोध :

  • राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जमानत याचिका का विरोध किया।
  • एनआईए ने कहा कि मालेगांव विस्फोट में उनके शामिल होने के साक्ष्य हैं।
  • पुरोहित ने 25 अप्रैल के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी।
  • जिसमें मामले की दूसरी आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जमानत दी गई थी।
  • नासिक जिले के मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को हुए विस्फोट में 6 लोग मारे गए थे।

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