जम्मू-कश्मीर में पुलिस व सेना द्वारा भड़की हुई भीड़ को रोकने हेतु कई तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं. जिनमे आंसू बम, वाटर गन आदि शामिल हैं परंतु इनमे से एक है पैलेट गन, बता दें कि यह गन भीड़ पर यदि चलाई जाती है तो इसका प्रभाव काफी चिंताजनक होता है. दरअसल इस गन की गोली जहाँ भी लगती है एक छेड़ कर देती है जिस कारण कई बार कई लोगों की आँखे चली गयी हैं जिसके बाद यह व्यक्ति को अंधा बना देती है. इसी कारण इस गन को लेकर देश के उच्चतम न्यायालय में कई याचिकाएं भी दायर हो चुकी हैं. जिनपर सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को इस गन का विकल्प ढूँढने के आदेश दिए हैं.

विकल्प ढूँढने के लिए दिया दो सप्ताह का समय :

  • सुप्रीम कोर्ट में आज कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा दायर की गयी याचिका पर सुनवाई करते हुए एक आदेश जारी किया है.
  • बता दें कि इस आदेश के अंतर्गत कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार को पैलेट गन के इस्तेमाल के अलावा कोई और विकल्प तलाशने को कहा गया है.
  • दरअसल कोर्ट के अनुसार पैलेट गन का इस्तेमाल कर भीड़ को काबू करना सही नहीं है.
  • ऐसा इसलिए है क्योकि इसके वार से प्रदर्शनकारियों की आँखे फूट जाती हैं साथ ही शरीर पर कई तरह के और नुक्सान भी होते हैं.
  • आपको बता दें कि इस पैलेट गन का इस्तेलाम ज़्यादातर जम्मू-कश्मीर में होता है जहाँ कई मुद्दों पर आये दिन यहाँ की जनता प्रदर्शन करती है.
  • गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार को इस पैलेट गन के विकल्प ढूँढने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है.
  • जिसके बाद अब देखना यह है कि केंद्र सरकार इस मामले में क्या विकल्प चुनती है.
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