अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारवादी संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के खिलाफ बेंगलुरु में दो समुदायों के बीच भावनाए भड़काने और देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ है। दरअसल शनिवार को बेंगलुरु में एमनेस्टी ने कश्मीर पर एक सेमिनार का आयोजन किया था। इस सेमिनार के दौरान जेएनयू के तर्ज पर आजादी के नारे लगे।

  • सेमि‍नार के दौरान यहां ‘आजादी’ और पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की बात कही जा रही है।
  • इस नारेबाजी के दौरान कश्मीरी पंडितों के गुट से नारेबाजों की भिड़त भी हो गई।
    इस घटना के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद  की शिकायत पर बेंगलुरु पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया।
  • बेंगलुरु शहर की जेसी नगर पुलिस ने एमनेस्टी इंडिया के ख़िलाफ़ देशद्रोह का मामला सोमवार को दर्ज किया है।
  • आईपीसी की धारा 142, 143, 147, 124A, 153A और 149 के तहत मामले दर्ज किये गए हैं।
  • हालांकि ये सभी मामले संस्था के खिलाफ दर्ज हुए हैं, किसी व्यक्ति के नहीं।

देश विरोधी था आयोजनः

  • पुलिस का कहना है कि कश्मीरी छात्रों ने शहर के यूनाइटेड थि‍योलॉजिकल कॉलेज में शनिवार को आयोजित एक सेमिनार के दौरान ‘आजादी’ के नारे लगाए।
  • एबीवीपी के आयोजन सचिव जयप्रकाश ने बताया कि सेमिनार में देश विरोधी गाने भी गाए।
  • जयप्रकाश ने आरोप लगाया कि विरोध करने पर एबीवीपी के कई कार्यकर्ताओं पर हमला भी किया गया।
  • जिसके बाद पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की गई। छात्रों ने नारे लगाए कि कश्मीर को पाकिस्तान में होना चाहिए।
  • जयप्रकाश ने बताया कि वहां मौजूद बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने भी तत्काल ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए।

सेमिनार में लगे आजादी के नारेः

  • मामला पिछले शनिवार रात का है जहां एक सेमिनार में कुछ कश्मीरी परिवारों को बुलाया गया था।
  • एमनेस्टी इंटरनेशनल की तरफ से बेंगलुरु में ‘ब्रोकन फैमलीज’ के नाम से एक सेमिनार का आयोजन किया गया।
  • जो ये बता रहे थे कि कश्मीर में किस तरह से उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।
  • इसी बीच कश्मीरी पंडितों का एक दल वहां आया और फिर दोनों गुटों में तीखी झड़प हुई।
  • झड़प के बाद एक तथाकथित वीडियो सामने आया जिसमें कुछ युवा चिल्लाते हुए सुने जा सकते हैं, “हमको चाहिए आज़ादी।”

किसी का पक्षधर नहीं है संगठनः

  • वहीं दूसरी तरफ़ एमनेस्‍टी इंटरनेशनल ने कहा कि मानवाधिकारों से जुड़े मामलों पर संगठन ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करता रहता है और वो किसी का पक्षधर नहीं है।
  • एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आकार पटेल ने देशद्रोह का मामला दर्ज होने पर कहा कि संवैधानिक मूल्यों की हिफाजत विषय पर कार्यक्रम भी अब अपराध माना जा रहा है।

अभिव्यक्ति के नाम पर देशद्रोही भाषा बोलने का अधिकार किसी को नहीं!

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