महाकाल की नगरी उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ का तीसरा और अंतिम शाही स्नान आज सुबह  शुरू हो चुका है। प्रमुख अखाड़ों के साधुओं, संतों का स्नान सुबह 3 बजे से शुरू हुआ। कुंभ के अन्तिम शाही स्नान के अवसर पर 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु क्षिप्रा में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे हैं।

  • प्रशासन ने रामघाट और दत्त अखाड़ा घाट को छोड़कर अन्य सभी घाटों पर भक्तों के स्नान की व्यवस्था की है।
  • इन दोनों घाटों को अखाड़ों के स्नान के लिए रिजर्व रखे गए है। जो 11 बजे बाद आम श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे।
  • वैशाख शुक्ल पूर्णिमा पर उज्जैन सिंहस्थ के अंतिम शाही स्नान पर 13 अखाड़ों के साधु-संत डुबकी लगा रहे हैं, इसके बाद अन्य श्रद्धालु भी क्षिप्रा नदी में स्नान करेंगे।
  • श्रद्धालु का देर रात से ही महाकाल की नगरी में आना शुरू हो गया है, उम्मीद है कि दिन भर में लाखों श्रद्धालु उज्जैन पहुंचेंगे। इसको लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं।
  • यह पहला अवसर रहा है जब मोक्षदायिनी क्षिप्रा तटों पर एक साथ शैव और वैष्णव संप्रदाय के साधु-संतों ने स्नान किया।
  • इससे पहले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में शैव और वैष्णव संप्रदाय के एक साथ स्नान का निर्णय लिया गया था।
  • अन्तिम शाही स्नान के लिए सबसे पहले श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, दत्तअखाड़ा घाट पर  पहुंचा।
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