भारत में शिक्षा को लेकर कितनी गम्‍भीरता है इसका अन्‍दाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश में एक लाख से अधिक अधिक स्‍कूलो में सिर्फ एक-एक टीचर है। हाल ही में संसद में शिक्षकों को लेकर एक रिर्पोट रखी गई है जिसमें इस बात का खुलासा ये बेहद शर्मनाक खुलासा हुआ है।  ये रिपोर्ट मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने रखी है।

देश में एक लाख से अधिक स्‍कूलों में केवल एक टीचर

  • इस मामले में पहले नम्‍बर पर मध्‍य प्रदेश है।
  • इस राज्‍य में 17 हजार 874 स्‍कूलों में केवल एक टीजर है।
  • दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश का नम्‍बर आता है।
  • इस राज्‍य में 17 हज़ार 602 स्कूलों में केवल एक टीचर है।
  • इस क्रम में तीसरा नम्‍बर राजस्‍थान का है।
  • राजस्‍थान में 13 हजार से अधिक स्‍कूलों में केवल एक टीचर है।
  • चौथे नंबर पर आंध्र प्रदेश है।
  • इस राज्‍य में 9 हजार 540 स्‍कूलों में केवल एक टीचर है।
  • आंध्र प्रदेश के बाद झारखंड का नम्‍बर आता है।
  • झारखंड के 7 हज़ार 391 स्‍कूलों में केवल एक टीचर है।
  • अगर पहाड़ी राज्‍य की बात करे तो पहले नम्‍बर पर उत्‍तराखंड का नम्‍बर आता है।
  • उत्‍तराखंड में 1771 स्‍कूल ऐसे है जहां केवल एक टीचर है।
  • वहीं, हिमाचल प्रदेश में 1119, जम्मू कश्मीर में 1430, पंजाब में 1360, हरियाणा में 888 और गुजरात में 778 ऐसे स्कूल है जहां एक टीचर है.
  • शिक्षा के अधिकार के अनुसार 30 से 35 छात्रों पर एक टीचर का होना बेहद जरूरी है।
  • जबकि भारत के 7 लाख 60 हज़ार प्राइमरी स्कूलों में से करीब आधे यानी 3 लाख 19 हज़ार प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं जहां बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ 2 टीचर हैं।

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