2019 के लोकसभा चुनावों के पहले देश के कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। इनमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्य शामिल हैं जहाँ लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी के सरकार बनी हुई है। उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी भी अब अपने संगठन का विस्तार करने के लिए यूपी से बाहर निकलने लगी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इन दिनों अपने मध्य प्रदेश दौरे पर हैं जहाँ पर उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए गठबंधन पर बड़ा ऐलान कर डाला है।

कांग्रेस के साथ लड़ेंगे चुनाव :

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंचे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि मैं इसी मुद्दे पर बात करने के लिए आया हूं। अपनी दो दिन की यात्रा पर भोपाल पहुंचे अखिलेश यादव कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव से मुलाकात करेंगे। सपा पहले भी मध्य प्रदेश में विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी है। बुंदेलखंड के कुछ हिस्से को छोड़ दें तो राज्य में पार्टी का कुछ विशेष प्रभाव नहीं है।

2003 में जीते थे सपा के 7 विधायक :

एमपी में समाजवादी पार्टी ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया था और राज्य में उसके सात विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे थे। इस चुनाव में नौ फीसदी वोट लेकर उसने राजनीतिक प्रेक्षकों को भी हैरान कर दिया था। हालाँकि इसके बाद सपा का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा और वोटों में हिस्सेदारी भी गिरती गई। 2013 के विधानसभा चुनाव में तो उसे 1 एमएलए नहीं मिला और वोट का प्रतिशत कम हो गया। अखिलेश यादव ने कहा कि हम वहीं अपने उम्मीदवार उतारेंगे, जहां जीत की संभावना ज्यादा होगी। देखना होगा कि यूपी की तरह सपा कांग्रेस गठबंधन का हाल मध्य प्रदेश में होता है कि नहीं।

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