नई दिल्ली : बुधवार को ऑगस्टा वेस्टलैंड डील पर राज्यसभा का माहौल गर्म रहा। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मिडिलमैन के लेटर को लेकर जैसे ही सोनिया गांधी का नाम लिया, कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। डिबेट के दौरान स्वामी और कांग्रेस के सदस्यों के बीच तीखे अंदाज में सवाल-जवाब होते रहे।

सुब्रमण्यम स्वामी ने साधा निशाना 
बुधवार को राज्यसभा में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा- ‘NDA ने पहली बार 1998 में 6 पुराने हेलिकॉप्टर की जगह 8 नए चॉपर की डील की बात की। उस समय हेलिकॉप्टर की हाइट 6000 मीटर तक ले जाने की बात कही गई थी।

यूपीए के पहले कार्यकाल के दौरान हेलिकॉप्टर की लिमिट को 4500 मीटर कर दिया। स्वामी ने आगे कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कैग की रिपोर्ट के मुताबिक 1988 में 8 हेलिकॉप्टर खरीदे गए थे, जिनका यूज कम हुआ था। इसके बाद 4 अन्य को खरीदने की जरूरत क्यों पड़ी? ट्रायल भी विदेश में किया गया।’

स्वामी के लगातार आरोप लगाने के बाद कांग्रेस की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी और आनंद शर्मा उनपर टिप्पणी करते रहे। कांग्रेस का कहना था कि स्वामी के पास सबूत हैं तो कार्यवाही करें, बेबुनियाद आरोप ना लगाएं।

पर्रिकर ने भी कांग्रेस को घेरा 

राज्यसभा में ऑगस्टा वेस्टलैंड डील पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए केंद्र सरकार के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी कांग्रेस को घेरा जिसकी शुरुआत उन्होंने अकबर-बीरबल की कहानी से की थी।

पर्रिकर ने कहा कि एके एंटनी ने खुद कहा था कि करप्शन हुआ है। एक ही वेंडर के फेवर में हालात बना दिए गए थे।एनडीए की सरकार ने हेलिकॉप्टर के स्पेसिफिकेशन नहीं बदले थे। इटली की कोर्ट ने डील में कई स्टेज पर नियमों के खिलाफ काम होने की बात कही है।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पर्रिकर बोले कि,’देश की जनता जानना चाहती है कि घोटाला किसने किया था और इसका फायदा किसको मिला? हम इसका पता लगाएंगे। हम इसे ऐसे ही नहीं जाने दे सकते। सरकार इसका पता लगाएगी। इटली की कोर्ट के फैसले में जितने भी लोगों के नाम हैं, उनके खिलाफ जांच होगी।’

बता दें कि यह चर्चा यूपीए सरकार के वक्त 3600 करोड़ रुपए की हेलिकॉप्टर डील में हुए करप्शन पर हो रही थी। इस मामले में हाल ही में इटली की कोर्ट ने एक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपने फैसले में चार बार सोनिया गांधी और दो बार मनमोहन सिंह का नाम लिया है।

उधर कांग्रेस ने भी सरकार को घेरने के लिए कमर कस लिया है और एक बिचौलिए मिशेल की चिट्ठी का मुद्दा उठाएगी जिसमें ये जिक्र किया गया है कि सोनिया गांधी और राहुल को फंसाने के लिए उसपर दबाव बनाया गया था। 

समाचार लिखे जाने तक संसद में आज का सत्र शुरू होते ही कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया था और संसद की आज की कार्यवाही भी गर्म माहौल में होने के संकेत मिल रहे हैं।

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