असम में 23 मई को तेजपुर से उड़ान भरने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हुए लड़ाकू विमान सुखोई 30 के दोनों पायलटों की हादसे में मृत्यु (Sukhoi 30 pilots dead) होने की पुष्टि 31 मई (बुधवार) को हो गई। पांच दिन बाद विमान का मलबा मिलने के बाद वायुसेना ने कहा कि इस हादसे में दोनों पायलटों को प्राणघातक चोटें लगीं थी।

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मेजर गौरव आर्या ने साझा की तस्वीर :

  • दोनों पायलटों की मौत की खबर आने बाद मेजर गौरव आर्या ने ट्विटर पर कुछ तस्वीरें शेयर किया है।
  • उन्हेंने ट्विटर पर लिखा कि सुखोई 30 विमान से लापता दोनों पायलट स्क्वॉड्रन लीडर देवेश पंकज (36) और फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस अचुदेव (26) अब हमारे बीच नही रहे।
  • साथ ही लिखा कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट अचुदेव एस के खुशी के समय की ये कुछ तस्वीरें हैं।

 तीन दिन के सघन तलाशी के बाद मिला मलबा :

  • असम के तेजपुर स्थित चौथी कोर के लेफ्टिनेंट कर्नल संबित घोष ने इस हादसे पर जानकारी दी।
  • उन्होंने कहा कि दोनों पायलटों के पार्थिव शरीर को तेजपुर स्थित वायुसेना बेस पर लाए गये हैं।
  • कहा कि तीन  तीन दिन के सघन तलाशी के बाद अरुणांचल प्रदेश के घने जंगल में वाले इलाके में 26 मई को सुखोई-30 MKI विमान का मलबा मिला था।
  • आगे कहा कि तेजपुर एयरबेस से 60 किलोमीटर दूर हादसे से पहले दोनों पायलट विमान से बाहर नहीं निकल पाए थे।

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तकरीबन 40 मिनट बाद टूट गया था रडार से संपर्क :

  • वायुसेना के प्रवक्ता अनुपम बनर्जी ने विमान के उड़ान डेटा रिकॉर्डर (ब्लैक बॉक्स) मिलने के बाद जानकारी दी है।
  • उन्होंने कहा कि ब्लैक बॉक्स के विश्लेषण और दुर्घटना स्थल से बरामद कुछ अन्य सामग्रियों से पता चला कि हादसे से पहले पायलट कॉकपिट से बाहर नहीं निकल पाये थे।
  • 23 मई को 10.30 बजे तेजपुर एयरबेस उड़ान भरने के बाद विमान करीबन 11 बजकर 10 मिनट पर रडार से संपर्क टूट गया था।
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