देशभर में हुए दलित समुदाय के हिंसक प्रदर्शन के बाद सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर खुली कोर्ट में सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। वहीं इस मामले में केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल ने जस्टिस एके गोयल से अपील की थी। जिसके बाद जस्टिस गोयल ने कहा था कि इस संबंध में अंतिम फैसला चीफ जस्टिस ही ले सकते हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी एक्ट को लेकर दिए गए फैसले को लेकर केंद्र सरकार ने सोमवार को ही पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी, लेकिन सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले से जुड़ी एक अन्य याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था। इस मामले में अब खबर आ रही है कि दोपहर 2 बजे इस पर सुनवाई होनी है।

सरकार ने कहा संविधान के अनुच्छेद 21 का हो रहा उल्लंघन

सोमवार को याचिका दायर करते हुए सरकार ने इस मामले पर जल्द-से-जल्द और खुली अदालत में सुनवाई का आग्रह किया था। सरकार का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 21 में एससी एसटी को मिले अधिकारों का सुप्रीम कोर्ट का आदेश उल्लंघन करता है। बता दें कि 20 मार्च को दिए गए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने एससी, एसटी एक्ट के दुरुपयोग पर सवाल उठाते हुए तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाने का फैसला किया था।

भारत बंद के दौरान देशभर में फैली हिंसा

कोर्ट के इस फैसले का देशभर के दलित समूहों ने विरोध किया था और इसी कड़ी में सोमवार को भारत बंद का ऐलान किया गया था जिस दौरान कई राज्यों में हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में 12 राज्यों में हिंसा फैल गई और 11 लोगों की अपनी जान गंवानी पड़ी। दसरी तरफ इसका विरोध करने के लिए उपद्रवियों ने गाड़ी बस दुकानें आदि जला दी थी। जिस कारण सैकड़ों लोग घायल हुए व करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। इस हिंसा के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों से रिपोर्ट तलब की है।

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