उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के मामले में सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई टाल दी गयी है। कोर्ट ने सुनवाई को बुधवार तक के लिए टालते हुए अटॉर्नी जनरल से सवाल किया कि क्या उत्तराखंड में फ्लोर टेस्ट की संभावना है।

इस मामले पर पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल को विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट पर रोक लगा दी थी, और इसके बाद उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन की अवधि तीन मई तक के लिए बढ़ गई थी।

सुनवाई कर रहे जजों ने दिया रामेश्वर जजमेंट का हवाला
कोर्ट ने रामेश्वर जजमेंट का हवाला देते हुए अटॉर्नी जनरल से फ्लोर टेस्ट की संभावनाओं के बारे में पूछा और कहा कि वह बुधवार को इस संबंध में केंद्र की तरफ से पक्ष रखें। मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस शिवकीर्ति सिंह ने कांग्रेस को झटका देते उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन को जारी रखने का आदेश दिया था।

ज्ञात हो कि उत्तराखंड में 27 मार्च से राष्ट्रपति शासन लागू है। केंद्र की एनडीए सरकार ने कांग्रेस पर विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी जिसके बाद कांग्रेस ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और फैसला कांग्रेस के पक्ष में आया था।

केंद्र ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी और सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को बर्खास्त करते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन जारी रखने का आदेश दिया था।

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