दिल्ली में किसका चलेगा शासन? इसको लेकर अक्सर मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के बीच मनमुटाव के साथ तकरार होते देखा होगा। ऐसे में हमेशा एक सवाल उठता है कि देश की राजधानी दिल्ली एक राज्य है या नहीं? यहां के प्रशासनिक मुखिया मुख्यमंत्री हैं या उपराज्यपाल (एलजी) हैं? अब इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संवैधानिक पीठ करेगी। ध्यान देने योग्य बात यह है कि पीठ ने यह तय नहीं किया है कि संविधान पीठ किन मुद्दों पर विचार करेगी।
इस वजह से सुप्रीम कोर्ट करेगी फैसला :
- आपको बता दें कि पिछले साल अगस्त में दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है, इसलिए यहां के संवैधानिक मुखिया एलजी हैं।
- दिल्ली की सरकार ने हाई कोर्ट के इस आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।
- दिल्ली सरकार ने तर्क दिया कि पंचायत को भी अधिकार मिलते हैं, और दिल्ली सरकार को जनता ने चुना है तो इस फैसले को एलजी कैसे पलट सकते हैं।
- केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुे कहा था कि कैबिनेत द्वारा लिए गए फैसले को एलजी नहीं पलट सकते।
- दिल्ली सरकार का मत है कि कैबिनेट और उपराज्यपाल के राय अलग-अलग होने पर मामला राष्ट्रपति के समक्ष भेजा जाना चाहिए।
- मगर एलजी किसी भी मसले को राष्ट्रपति के पास नही भेजा, वह खुद ही फैसले लेते रहे।
- अधिकारों के बीच दखलअंदाजी को लेकर चल रहे जंग पर अब संवैधानिक पीठ करेगी फैसला।
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