भारत के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायाधीश प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. प्रेस कॉन्फ्रेंस जस्टिस जे चेलामेश्वर के घर में हो रही है. उनके साथ अन्य 3 जस्टिस रंजन गोगोई,जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस कुरिन जोसेफ मौजूद,पहली बार सुप्रीम कोर्ट जजो ने मीडिया को संबोधित किया. सुप्रीम कोर्ट के 4 सिटिंग जज पहली बार सीटिंग प्रेस कांफ्रेंस के  जरिये कई बातें कहते दिखाई दिए.

उज्जवल निकम ने बताया काला दिन

वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि सर्वोच्च अदालत का ये हाल हो गया है कि वहां के जजों को मीडिया में आकर अपनी बात कहनी पड़ रही है. जबकि वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम ने सबसे बड़ी बात कही है. उन्होंने जजों के इस कदम को न्यायपालिका के लिए काला दिन बताया है. निकम ने कहा कि जजों को अपनी शिकायतों रखने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस के अलावा कोई और रास्ता अपनाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि अब इस कदम के बाद देश का आम आदमी कोर्ट के हर फैसला पर सवाल उठा सकता है. उज्जवल निकम ने कहा कि अब हर फैसले पर सवाल उठाए जा सकते हैं.

 जजों की पीसी के बाद कांग्रेस ने जताई चिंता:

कांग्रेस के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया और कहा गया कि जजों की प्रेस कांफ्रेंस बहुत ही गंभीर मसला है. जिस प्रकार सुप्रीम कोर्ट के संचालन को लेकर बात कही गई है वो चिंताजनक है, लोकतंत्र खतरे में है. जाहिर है इतिहास में पहली बार CJI से अनबन के बाद सुप्रीम कोर्ट के जजों ने मीडिया के सामने आकर अपना पक्ष रखा और उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि आगे उन्ही लोगों को कठघरे में खड़ा किया जाये, इसलिए ये जरुरी था कि जो बातें हैं वो बता दी जाएँ क्योंकि अब कोई विकल्प नहीं बचा था.

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