दिसम्बर 2012 में देश की राजधानी दिल्ली में हुए निर्भया रेप केस  पर आज सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका ख़ारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार दोषियों की सजा बरकरार रहेगी. रेप के सभी दोषियों की फांसी की सजा में कोई छूट नहीं दी जाएगी. 

निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा बरकरार रहेगी , सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका को खारिज करते हुए मुकेश, विनय और पवन की फांसी बरकरार रखी है.

लड़ाई अभी और लम्बी है: 

दिल्ली में हुए रेप केस में निर्भय के माता पिता ने सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया पर अपना भरोसा दिखाया है. निर्भय की माँ ने कहा “उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा है. हमारा संघर्ष बस यहीं नहीं रुका है. लड़ाई अभी और लम्बी है. मैं उम्मीद करती हूँ कि हमारे देश की बेटियां इस फैसले के बाद सुरक्षित रहें. मै सुप्रीम कोर्ट से अपील करती हूँ कि नुयमों में शक्ति दिखाकर जल्द से जल्द  चारों दोषियों को फांसी पर लटका दें. इससे और लड़कियों और बेटियों को भी मदद मिलेगी.”

चारों दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा दी है. कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप और मर्डर के चारों दोषियों को पिछले साल 5 मई को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके बाद इन दोषियों सुप्रीम कोर्ट  में रिव्यू पिटिशन दाखिल की थी. मुख्य आरोपी मुकेश , पवन ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी. जिसको सुप्रीम कोर्ट ने सिरे से ख़ारिज कर दिया.

क्या है मामला:

साल 2012 में दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की छात्रा के साथ गैंगरेप किया गया था.

बुरी तरह घायल छात्रा को सड़क किनारे फेंक दिया गया था. कई दिनों तक चले इलाज के बाद छात्रा की मौत हो गई थी.

इस घटना के बाद राजधानी दिल्ली समेत देशभर में व्यापक प्रदर्शन हुए थे.

बलात्कार और महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा की रोकथाम के लिए भारत सरकार ने नए कड़े क़ानून भी लागू किए थे.

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