नीरव मोदी द्वारा 11,400 करोड़ के घोटाले के मामले में एक पीआईएल दाखिल की गई थी। जिसकी सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पहले सरकार को अपनी कार्रवाई पूरी करने का मौका दिया जाना चाहिए।

बता दें कि नीरव मोदी द्वारा किए गए इस महाघोटाले को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही थी। जिसकी सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने की। बेच ने इस पीआईएल दाखिल करने के पीछे की मंशा पर सवाल उठाया और याचिकाकर्ता को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहना है कि अखबारों की क्लिपिंग के आधार पर बिना किसी तैयारी के ही जनहित याचिका दायर कर दी गई।

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चीफ जस्टिस के अलावा दो अन्य जस्टिस ने की सुनवाई

इस पीआईएल की सुनवाई चीफ जस्टिस के साथ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एएम खान विलकर शामिल थे। उन्होंने साफ किया कि हम सरकार की कार्रवाई से पहले कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। हमें सरकार को कानून के हिसाब से अपने कर्तव्यों के निर्वहन का मौका देना चाहिए। कहा कि यदि सरकार की कार्रवाई में कोई खामी रहती है, तो फिर हम देखेंगे कि इसमें हमें दखल देना चाहिए या नहीं।

वहीं इस मामले में केंद्र सरकार की तरफ से पेश अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इस संबंध में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. विभिन्न एजेंसियां इसकी जांच कर रही है और कई आरोपियों और संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है।

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पंजाब नेशनल बैंक में देश का बड़ा बैंकिंग घोटाला हुआ है. ये घोटाला करीब 11500 करोड़ रुपये से ज़्यादा का बताया जा रहा है. पीएनबी ने बुधवार को शेयर बाज़ार को मुंबई स्थित शाखा में इस घोटाले की जनाकारी दी. इस घोटाले में कारोबारी नीरव मोदी का नाम सामने आया है. पीएनबी ने बताया कि कुछ खाताधारकों को लाभ पहुंचाने के लिए लेन-देन की गई. इन लेन-देन के आधार पर ग्राहकों को दूसरे बैंकों ने विदेशों में क़र्ज़ दिए थे. इस ख़बर के बाद पंजाब नेशनल बैंक के शेयर 10 फीसदी तक टूट गए हैं जबकि आरोपी नीरव मोदी का कोई पता नहीं है.

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