भारत में लंबे समय से 18 वर्ष की आयु से कम के बच्चों के साथ अपराध के मामलों में बढ़त देखने को मिली है. इन मामलों में सबसे ज़्यादा यदि कोई शिकार बना है तो वे हैं कम उम्र की लडकियां जो कभी दुष्कर्म तो कभी किसी और तरह से सताई जाती रही हैं. जिसके कारण POCSO जैसे क़ानून का गठन हुआ था. बता दें कि इस तरह के मामलों में बढ़त होने चलते अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा 11 राज्यों के न्यायाधीशों व दो केंद्र शासित राज्यों को नोटिस भेजा गया है.

खास अदालत बनाकर मामलों की सुनवाई के दिए आदेश :

  • POCSO अपराध से जुड़ी याचिकायों पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक नोटिस जारी किया है.
  • बता दें कि इस नोटिस के अनुसार देश के 11 राज्यों के न्यायाधीशों को,
  • साथ ही दो UT को ख़ास अदालत बनाकर इन मामलों की सुनवाई के आदेश दिए हैं.
  • गौरतलब है कि बीते समय में इन मामलों में बढ़त देखने को मिली है.
  • जिसके बाद कोर्ट के इस आदेश के अनुसार अपराधियों को जल्द सज़ा सुनाई जानी चाहिए.
  • जिसके चतले सुप्रीम कोर्ट द्वारा नोटिस जारी कर ये आदेश जारी किये गए हैं,
  • बता दें कि ख़ास अदालत बनने के साथ ही इन मामलों पर जल्द ही सुनवाई होगी.
  • जिसके बाद अपराध में लिप्त दोषियों को जल्द ही सजा सुनाई जायेगी,
  • जिससे अपराध की शिकार हुई लड़कियों को न्याय मिल सकेगा.
  • आपको बता दें कि समय आगे बढ़ने के साथ ही इस तरह के मामले आय दिन देखने को मिल रहे हैं.
  • जिसमे 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे विभिन्न तरह के अपराधों का शिकार बनते हैं.
  • फिर चाहे वह दुष्कर्म हो या किसी तरह की मजदूरी या कुछ और,
  • इस तरह के अपराधों का शिकार होने वाले बच्चे कभी भी अपने बचपन के इस वाक्या को भूल नहीं पाते हैं.
  • साथ ही उनके कोमल मन पर यह अपराध एक ऐसी चाप छोड़ जाते हैं जो कभी मिटाए नहीं जा सकते.
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